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Price Hike in India: देश में महंगाई की मार जारी, अब दालें हुई महंगी, सरकार ने बताई यह वजह

Price Hike in India: रोजमर्रा की चीजों के दाम में आए उछाल से परेशान आम लोगों को एक और बड़ा झटका लगा है। गेहूं-चावल के महंगे होने के बाद अब दाल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है।

Krishna Chaudhary
Published on: 10 Aug 2022 7:33 AM GMT
Price Hike in India
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Price Hike in India (image social media)

Price Hike in India: रोजमर्रा की चीजों के दाम में आए उछाल से परेशान आम लोगों को एक और बड़ा झटका लगा है। गेहूं-चावल के महंगे होने के बाद अब दाल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। प्रोटीन का बड़ा स्त्रोत माने जाने वाले दाल हमारे खानपान का अभिन्न हिस्सा है। पिछले कुछ दिनों में उरद और अरहर दालों की कीमतों में 15 प्रतिशत का उछाल आया है। हरी सब्जियां, फल, दूध – दही और आंटा – चावल के बाद दाल की बढ़ी हुई कीमतों ने किचन के बजट को खासा प्रभावित किया है।

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, दाल उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण खेतों में जलजमाव हो गया है, जिसके कारण बुआई कम हो पाई। जितने क्षेत्र में तूअर की बुआई हुई है वो बीते साल के मुकाबले 4.6 प्रतिशत कम है तो उड़द की बुआई 2 फीसदी कम क्षेत्र में हुई है। भारी बारिश के कारण तूअर और उड़द की बुआई घटी है।

देश के प्रमुख दाल उत्पादक राज्यों में भारी बारिश के कारण दलहन की फसलों को नुकसान भी पहुंचा है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक शामिल हैं, जहां उड़द की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। महाराष्ट्र में इसके कारण अरहर के दामों में तेजी देखी गई। लातूर में छह हफ्तों के अंदर अरहर दाल की कीमतें 97 रूपये से बढ़कर 115 रूपये प्रति किलो पर जा पहुंचा है। हालांकि, राहत की बात ये है कि एमपी और यूपी में दलहन की फसलें फिलहाल अच्छी स्थिति में हैं।

इस साल धान की बुआई में आई कमी

इस बार देश में मॉनसून अच्छा रहा। लेकिन ये लाइन पूरे देश के लिए सटीक नहीं बैठती। देश के कुछ हिस्सों में भले जोरदार बारिश हुई लेकिन देश के कुछ हिस्से मॉनसून की सामान्य बारिश से मरहूम रहे। इनमें अधिकतर देश का वो इलाका है, जहां धान की पैदावार अधिक होती है।

यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सरीखे राज्यों में बारिश की कमी के चलते धान की बुआई में काफी कमी आई है। इसलिए आने वाले दिनों में चावल का उत्पादन घट सकता है और इसकी मार घरेलू उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ सकती है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने भी पिछले दिनों इस पर चिंता प्रकट की थी।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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