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मजदूरों को राहत: इस राज्य में बढ़ी न्यूनतम मजदूरी, केंद्र सरकार से लेंगे सलाह

झारखंड में मनरेगा के तहत श्रमिकों को प्रतिदिन 194 रुपए मिलती है। जबकि, राज्य में न्यूनतम मज़दूरी की दर 283 रुपए है। ऐसे में इस अंतर को कम करने के लिए मनरेगा मज़दूरी की दर में बढ़ोतरी की पहल की गई है।

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Published on: 9 Dec 2020 5:06 PM GMT
मजदूरों को राहत: इस राज्य में बढ़ी न्यूनतम मजदूरी, केंद्र सरकार से लेंगे सलाह
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झारखंड में मनरेगा के तहत न्यूनतम मज़दूरी बढ़ाने की पहल

रांची: झारखंड में मनरेगा के तहत श्रमिकों को प्रतिदिन 194 रुपए मिलती है। जबकि, राज्य में न्यूनतम मज़दूरी की दर 283 रुपए है। ऐसे में इस अंतर को कम करने के लिए मनरेगा मज़दूरी की दर में बढ़ोतरी की पहल की गई है। इस बाबत केंद्र सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त करने के बाद ग्रामीण विकास विभाग क़दम आगे बढ़ाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, मनरेगा एक बहुआयामी योजना है। इसके तहत रोज़गार, आवास, पेयजल, महिला सश्कितकरण, सिंचाई, सड़क और पौधारोपण से संबंधित योजनाओं का संचालन होता है। लिहाज़ा, मनरेगा से जुड़ी योजनाओं का क्रियांवयन बेहतर और योजनाबद्ध तरीके से होना चाहिए।

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डायन कू-प्रथा से मिलेगी निजात

झारखंड में डायन-बिसाही के नाम पर आए दिन खूनी खेल खेला जा रहा है। खासकर महिलाओं को नंगा कर उनकी हत्या तक कर दी जाती है। लिहाज़ा, ग्रामीण विकास विभाग गरिमा योजना की शुरुआत करने जा रहा है। इसके तहत डायन कुप्रथा के खात्मे के लिए जागरुकता अभियान चलाने के साथ ही पीड़ित और उसके परिवार की पहचान कर लाभ पहुंचाया जाएगा। इसके लिए पहले चरण में 07 ज़िलों के 25 प्रखंडों के 432 ग्राम पंचायतों में इस योजना के तहत गरिमा केंद्र और कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा।

एक लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य

झारखंड में बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत एक लाख पेड़ लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए ग़ैर मजरूआ ज़मीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि पहले चरण में ज़िलास्तर पर नर्सरी बनाने की दिशा में ग्रामीण विकास विभाग पहल शुरू करे। इसके अलावा प्रत्येक गांव में कटहल के कम से कम 10 पेड़ लगाए जाएं। दीदीबाड़ी योजना के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका लगाने का काम किया जाए।

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पीएम आवास में खपड़े का इस्तेमाल

प्राधनमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बनने वाले घरों की संरचना में बदलाव किया जाएगा। गांवों में बनने वाले घरों में एकरुपता लाने के लिए इन मकानों में खपड़े का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे आवास निर्माण की लागत में कमी आने के साथ ही कुम्हारों को रोज़गार भी मिलेगा। विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, पीएम आवास योजना के तहत निर्मित घरों में बिजली कनेक्शन देने के लिए ऊर्जा विभाग और पेयजल के लिए विभाग के बीच समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होने कहा कि, झारखंड में बसने वाले सभी लोगों को आवास उपलब्ध कराना प्राथमिकता हो।

रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट

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