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क्या है INSACOG लैब? जहां भेजे जायेंगे सभी राज्यों से कोरोना वैरिएंट ट्रैकिंग के लिए सैंपल

सरकार की INSACOG लैब सुर्खियों में है। क्योंकि राज्यों से आए सैम्पल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए यहीं पर भेजा जाएगा।

Krishna Chaudhary
Published on: 21 Dec 2022 5:01 PM IST
INSACOG LAB
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कोरोना के सैंपल की जांच करते हुए।

INSACOG LAB: चीन में कोरोना के डराने वाले आंकड़े सामने आने के बाद दुनिया परेशान है। कोरोना महामारी ने पहली दफा चीन में ही कहर बरपाया था। फिर बाद में दुनिया के बाकी हिस्सों में फैला। ऐसे में एकबार फिर कोरोनावायरस के फैलने की चिंता सताने लगी है। क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर आने वाले 10 दिन काफी चुनौती भरे होंगे क्योंकि बड़ी संख्या में लोग इन मौकों पर जश्न मनाने बाहर निकलेंगे। कहीं लोगों का ये जमावड़ा सुपर स्प्रेडर न बन जाए, इसलिए केंद्र सरकार ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने सीनियर अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ आज इसे लेकर एक अहम बैठक की। बैठक के बाद नीति आयोग के डॉ.वीके पॉल ने एकबार फिर लोगों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने की आदत डालने की अपील की। वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पॉजिटिव केस के सैम्पल्स जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजने को कहा है ताकि कोरोना के वैरिएंट का पता लगाया जा सके। ऐसे में सरकार का INSACOG लैब सुर्खियों में है। क्योंकि राज्यों से आए सैम्पल्स को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए यहीं पर भेजा जाएगा। तो आइए जानते हैं इसके बारे में।

क्या है INSACOG लैब ?

INSACOG यानी इंडियन सॉर्स कोव 2 जिनोमिक्स कंसोर्टियम एक मल्टी लैब एजेंसी है, जिसे भारत सरकार की ओर से दिसंबर 2020 में बनाया गया है। इसका काम है कोरोना वायरस से जुड़े जितने भी जीनोम का डेटा सामने आए उसकी सीक्वेंसिंग करके उसका तुरंत विश्लेषन किया जाए। इस एजेंसी का मुख्य काम है कोरोना के जितने भी तरह के वेरिएंट सामने आए उनके लक्ष्णों को पहचाना जाए और रोकथाम के उपाय किए जाएं।

देश के 28 लैब जुड़े

इसमें फिलहाल देश के 28 लैब जुड़े हुए हैं, जो कोरोना के अलग-अलग वेरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग करते हैं। इसके तहत रीजनल जीनोम सीक्वेंसिंग लैब को नेटवर्क से जोड़ा गया है। इस एजेंसी का मेन मकसद है कि जैसे ही कोरोना का नया वेरिएंट आए, सभी लैब उसका एकसाथ टेस्ट करें और पता लगाएं कि वो कैसे फैलता है। INSACOG एक ऐसा प्लेटफॉर्म बन चुका है जहां सरकार के कई मंत्रालय,विभाग और अन्य बड़ी संस्थाएं एक छत के नीचे काम करती हैं।

आमतौर पर सरकारी विभाग तालमेल में कमी को लेकर कुख्यात रहती हैं। लेकिन INSACOG इन मायनों में अलग है। यहां केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय, बायोटेक्नॉलोजी विभाग और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च मिलकर काम करते हैं। ये सभी संस्थाएं मिलकर कोशिश करती हैं कि कोरोना के किसी भी प्रकार के खतरे का शुरूआत में ही पता लगाकर उससे निपटने के उपाय खोज लिए जाएं ताकि लॉकडाउन जैसे सख्त कदम ना उठाना पड़े।



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Deepak Kumar

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