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गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप पर जजों के बीच हुआ गहन विमर्श
शीर्ष न्यायालय में विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ न्यायाधीशों के बीच कल देर शाम और मंगलवार की सुबह मुद्दे पर चर्चा हुई । उन्होंने उस तथ्य का भी उल्लेख किया कि प्रथम पांच अदालतों की न्यायिक कार्यवाही देरी से शुरू हुई।
शीर्ष न्यायालय में विश्वसनीय सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ न्यायाधीशों के बीच कल देर शाम और मंगलवार की सुबह मुद्दे पर चर्चा हुई । उन्होंने उस तथ्य का भी उल्लेख किया कि प्रथम पांच अदालतों की न्यायिक कार्यवाही देरी से शुरू हुई।
सूत्रों ने बताया कि तीन महिला न्यायाधीशों और शीर्ष न्यायालय में कर्मचारियों के कुछ धड़ों की राय पर भी विचार-विमर्श हुआ।
शीर्ष न्यायालय के एक अधिकारी ने बताया कि देरी से सुनवाई को अलग तरीके से नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि अदालत नंबर चार सीजेआई से जुड़े मुद्दे को अन्य न्यायाधीशों के साथ सुन रही थी और उनमें से एक न्यायाधीश सीजेआई की अध्यक्षता वाली मूल पीठ का हिस्सा थे।
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वह न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की विशेष पीठ का हवाला दे रहे थे जो यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई कर रहे थे। एक वकील ने दावा किया था कि यौन उत्पीड़न के आरोपों पर सीजेआई को फंसाने के लिए बड़ी साजिश की गयी है ।
हालांकि, जब सुप्रीम कोर्ट की पहली पांच अदालतों की न्यायिक कार्यवाही मंगलवार को 12 बजकर पांच मिनट तक शुरू नहीं हुयी तो इससे कयास लगने लगे कि जज सीजेआई के खिलाफ आरोपों के मद्देनजर उभरी स्थिति पर विचार कर रहे हैं। इस पहली पांच अदालतों की अध्यक्षता सीजेआई सहित पांच वरिष्ठतम जज करते हैं ।
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सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के वकीलों के दो संगठनों द्वारा अपने ही मामले में प्रधान न्यायाधीश द्वारा जज बनने की आलोचना को लेकर खबरें आने के बाद सोमवार शाम को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच गहन मंत्रणा हुई थी ।
(भाषा)
नयी दिल्ली: देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण न्यायपालिका को संकट की स्थिति से निकालने के लिए उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच गहन मंत्रणा हुई ।