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International Women’s Day 2023: होली के साथ इस साल मनाया जा रहा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जानिए इसका महत्त्व
International Women’s Day 2023: इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली दोनों एक ही दिन यानी 8 मार्च को है। यह महिलाओं के लिए एक दुगना खुशी का मौका है।
International Women’s Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने का तरीका है। इसकी शुरुआत अमेरिका में समाजवादी पार्टी और श्रमिक आंदोलन से हुई।
“उसका दामन है बड़ा…
दिया उसने अपना प्यार सारा,
कहलाई वो स्त्री, कहलाई वो एक नारी,
बनकर एक आदर्श
उसने किया जग में उजियारा।”
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। यह विभिन्न क्षेत्रों में सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक महिलाओं द्वारा निर्मित उपलब्धियों का अवलोकन करता है। महिला दिवस दुनिया के लिए आहवान करता है जो पूर्वाग्रह रूढ़िवादिता, भेदभाव से मुक्त है और न्यायसंगत है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली दोनों एक ही दिन यानी 8 मार्च को है। यह महिलाओं के लिए एक दुगना खुशी का मौका है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की विषय
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय "डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी" है। सभी कार्यक्रम की थीम पर आयोजित किए जाएंगे।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास
महिला दिवस की शुरुआत 1908 में एक आंदोलन से हुई थी। इसी समय अमेरिका मजदूर आंदोलन में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने अधिकारों के लिए न्यूयॉर्क की सड़कों पर उतर आयी। आन्दोलन के दौरान सभी कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनके कार्य करने के समय घटा दिया जाए और वेतन बढ़ाया जाए। साथ ही महिलाओं ने मतदान करने की मांग भी रखी। इसी आंदोलन के बाद साल 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ने महिला दिवस मनाने का ऐलान कर दिया था। 28 फरवरी को पहली बार न्यूयॉर्क शहर में यह दिन मनाया गया |
कैसे हुई 8 मार्च को महिला दिवस मनाने की शुरुआत
जर्मनी में 8 मार्च 1914 को पहली बार महिला दिवस मनाया गया। सन् 1975 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा यह दिन चिन्हित कर दिया गया। उसके बाद से प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाने लगा |
महिला दिवस का महत्त्व
प्रत्येक वर्ष दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाया जाता है। यह लैँगिक असमानता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
इस वर्ष के लिए यूनेस्को का संदेश
यूनेस्को की महानिदेशक आंद्रे अंजोले ने अपने सन्देश में कहा – आवश्यकता है कि महिलाओं व लड़कियों तकनीकी परिवर्तन की ओर से दिए गए लाभ प्राप्त हो। इस वर्ष लिंग समानता के लिए टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
देश विदेश की प्रमुख महिलाएं और उनके कर्तव्य
मदर टेरेसा : मदर टेरेसा पहली भारतीय महिला हैं जिन्हें 1949 में नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया था। इन्होने स्विच से सन् 1948 में भारतीय नागरिकता ली थी। टेरेसा ने महिलाओ, निम्न वर्ग और समाज के लिए कई कार्य किये।
इंदिरा गांधी : इंदिरा गाँधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। इन्हे ‘वूमेन ऑफ द मिलेनियम’ का खिताब दिया गया था। इंदिरा गाँधी पहली महिला थीं जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
ऐंजेला मर्केल: 2005 में मर्केल जर्मनी की पहली महिला चांसलर बनी और अपने चौथे कार्यकाल की सेवा प्रदान करी। मर्केल जर्मनी के वास्तविक नेता हैं जिन्होंने जर्मनी के वित्तीय संकट और विकास के माध्यम से अर्थव्यवस्था का नेतृत्व किया जो कि 1,00,000 से अधिक सीरिया के शरणार्थियों को जगह देने के लिए डोनाल्ड ट्रंप के सामने खड़ी हो गईं।
नैंसी पेलोसी: नैंसी पेलोसी अमेरिकी सभा की 52वी अध्यक्ष है। यह प्रतिमा उन्हें देश की सर्वोच्च रैंकिंग वाली महिला और राष्ट्रपति के पद के लिए दूसरी प्रतिभागी बनाती है। 2019 में नैंसी ने डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ अमेरिकी इतिहास में चौथी बार महाभियोग की कार्यवाही शुरू की।