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Fat Grain Year: संसद में 'मोटे अनाज' के स्पेशल लंच का आयोजन, पीएम मोदी-खड़गे साथ-साथ..जानिए पूरा मेन्यू

Fat Grain Year:संसद में आज 'मोटे अनाज' के स्पेशल लंच का आयोजन हुआ है। इस लंच में प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल होंगे। देखें सांसदों के लिए परोसे जाने वाले व्यंजनों में क्या-क्या होगा।

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Written By aman
Published on: 20 Dec 2022 7:16 PM IST (Updated on: 20 Dec 2022 7:20 PM IST)
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पीएम मोदी के साथ टेबल पर बैठे विपक्ष के नेता (Social Media)

Fat Grain Year: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशेष पहल पर आज (20 दिसंबर) संसद के दोनों सदनों के सांसदों के लिए 'विशेष कदन्न' यानी भोजन का प्रबंध किया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी मेजबानी की। सांसदों के लिए मोटे अनाज से बने स्पेशल लंच में कई तरह के व्यंजन परोसे गए। मोटे अनाज ज्वार, बाजरा और रागी से बने भोजन सांसदों के सामने पेश किए गए। जिनमें रोटी, इडली, डोसा आदि थाली की शान रहे।

'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' को चिह्नित करने के लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने इस तरह का आयोजन किया। इन व्यंजनों को बनाने के लिए कर्नाटक से एक विशेष शेफ को बुलाया गया। बता दें, 22 से अधिक शेफ इस विशेष भोजन को संसद भवन के भीतर ही तैयार किया। इस तरह के आयोजन का मकसद रागी, ज्वार और बाजरा खाने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। जिसकी शुरुआत संसद से की गई।

..ताकि मोटे अनाज के प्रति हों जागरूक

पीएम नरेंद्र मोदी की पहल पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने संसद भवन में ये आयोजन किया है। इस तरह के आयोजन का मकसद मोटे अनाज के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसके महत्व के बारे में बताना है। कृषि मंत्रालय आज संसद भवन में सांसदों के लिए 'फूड महोत्सव' आयोजित कर रहा है। दरअसल, दिनोंदिन बढ़ती वैश्विक जनसंख्या से खाद्यान्न संकट पैदा हो रहा है। बढ़ती आबादी की तुलना में खाद्यान्न की चुनौतियां दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए सस्‍ते दरों पर दलहन जैसे मोटे अनाज को पोषक आहार का विकल्‍प के रूप में पेश करने के लिए ये आयोजन किया गया है। आपको बता दें, संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' घोषित किया है।

यूएन ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया

संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पारित कर वर्ष 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' घोषित किया है। मार्च 2021 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) के दौरान भारत की तरफ से पेश इससे जुड़े प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया था। भारत के इस प्रस्ताव का समर्थन 70 से अधिक देशों ने किया था। इसका मकसद बदलती जलवायु परिस्थितियों में मोटे अनाज के पोषण तथा स्वास्थ्य लाभ और इसकी खेती के लिए उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। मोटे अनाज को 'कदन्न' भी कहते हैं। इनमें ज्वार, बाजरा, रागी, कंगनी, कुटकी, कोदो और सावां आदि शामिल हैं।

सांसदों के स्टार्टर में क्या?

कृषि मंत्रालय की और से आयोजित मोटे अनाज भोज में लोकसभा और राज्य सभा के सभी सांसदों को आमंत्रित किया गया है। स्पेशल लंच में स्टार्टर के तौर पर सूप के लिए खास बाजरे की 'राबड़ी' तैयार की गई है। इसके अलावा, इस भोज में कई अन्य व्यंजन भी होंगे।

मोटे अनाज से बने विशेष व्यंजन:

रागी डोसा (Ragi Dosa)- रागी डोसा दक्षिण भारतीय व्यंजन है। इसे रागी के आटे के साथ कटी प्याज व हरी मिर्च को भरकर तैयार किया जाता है।

रागी रोटी (Ragi Roti)- भारतीय रोटी जो रागी के आटे से तैयार की जाती है।

उच्चेल चटनी- नाइजर को लहसुन, सूखे ना रयल और मूंगफली के साथ पीसकर बनाया जाता है।

कालू हुली- ये मिश्रित सब्जियां, लोबया तथा बंगाली चना और सेम से न मतकरी लहसुन चटनी है।

चटनी पाउडर- इस चटनी को भुने चने को पीसकर घी के साथ तैयार किया जाता है।

मेन कोर्स में परोसे जाएंगे ये व्यंजन (Main course)

बैगन की एंगई- तल, कुटे हुए मूंगफली के दाने तथा सूखे नारियल के भूरे से भरे बैगन को गाढ़े मसालेदार के साथ पकाया जाता है। तब ये व्यंजन तैयार होता है।

हल्दी की सब्जी- बाजरा, देसी घी व गुड़ के साथ परोसा जाता है।

बाजरे का चूरमा- पीसी हुई बाजरे की रोटी, घी, चीनी या गुड़ और सूखे मेवे मिलाकर इस व्यंजन को बनाया जाता है।

केर कुमट- सांगरी- सूखे बेर और सांगरी फली से बनी एक पारंपरिक राजनी है।

कचरा ग्वार फली- सूखी ग्वार फली की सब्जी परोसी जाएगी।

कढ़ी- बेसन से बनी छाछ, हरी मिर्च, हरा धनिया के साथ परोसा जाता है।


कालू पालया- मोठ और नारियल करी।

कंगनी बीसीबेलेबॉथ- कंगनी, सजय और मसाले के साथ पकाया जाने वाला गरमा-गरम दाल का व्यंजन।

खारी बूंदी- बेसन से बने कुरकुरे तले ग्लोब्यूज।

मलेट दही चावल- दही के साथ पकाई गई टेड कंगनी।

जोलदा रोटी- वारमलेट के आटे से बनी भारतीय चपाती।

मोटे अनाज (Fat Grain) से तैयार मिठाइयों को भी परोसा जाएगा:

रागी हलवा (Ragi Halwa) - रागी, गुड़, नारियल, इलायची और घी से निर्मित मिष्ठान है।

ज्वार हलवा (Jowar Halwa) - ज्वार, गुड़, नारियल, इलायची और घी से निर्मित मिठाई है।

गाजर का हलवा- दूध, खोया, घी और सूखे मेवे से बनाया जाता है।

बाजरा खीर (Millet Pudding) - दूध, चीनी और सूखे मेवे से बना बाजरा दलिया है।

बाजरा केक (Millet Cake) - बाजरे के आटे और सूखे मेवे से बनाया गया है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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