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इनवेस्टर्स समिट: उद्योगपतियों से यूपी को खास उम्मीद

raghvendra
Published on: 17 Feb 2018 12:52 PM IST
इनवेस्टर्स समिट: उद्योगपतियों से यूपी को खास उम्मीद
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ में होने वाली इनवेस्टर्स समिट में लगभग 5000 डेलीगेस्ट्स का पंजीकरण हुआ है। पर सरकार को कुछ खास उद्योगपतियों से खास उम्मीद है। इनमें कुछ यूपी के भी हैं।

गौतम अदाणी

अदानी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी से यूपी सरकार को काफी उम्मीद है। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण के क्षेत्र में काम कर रहा है। गौतम अडाणी को विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली व्यवसायियों में गिना जाता है।

यूपी में किस क्षेत्र में रहेगी निगाह : पावर सेक्टर, वैकल्पिक ऊर्जा, खनन, बुंदेलखंड में बन रहा रक्षा कारीडोर

मुकेश अंबानी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी फोब्र्स की सूची के अनुसार अगस्त 2016 में लगभग 22.2 अरब डॉलर की निजी सम्पति के साथ दुनिया के छत्तीसवें सबसे अमीर आदमी हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज में उनकी व्यक्तिगत हिस्सेदारी 48 फीसदी है। वे भारत के सबसे अमीर आदमी हैं।

किस सेक्टर पर निवेश की नजर : टेलीक्म्यूनीकेशन, पावर , खनन और एफएमसीजी

कुमार मंगलम बिड़ला

बिड़ला की कंपनियों में ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आइडिया सेल्युलर, आदित्य बिरला रिटेल शामिल हैं। कुमार मंगलम विभिन्न नियामक और व्यावसायिक बोर्डों पर कई महत्वपूर्ण और जिम्मेदार पदों पर प्रतिष्ठित हैं। कुमार मंगलम ने उत्तर प्रदेश में एफएमसीजी, आटोमोबाइल सेक्टर, सीमेंट, खनन में रुचि दिखायी है।

उत्तर प्रदेश में किस सेक्टर पर है नजर : एफएमसीजी, आटोमोबाइल सेक्टर, सीमेंट, खनन।

रतन नवल टाटा

रतन नवल टाटा समूह के शिखर पुरुष हैं। 1991 में उन्होंने जेआरडी से ग्रुप चेयरमैन का पद संभाला। यूपी को उनसे बहुत उम्मीद है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब मुंबई के रोडशो में उनसे मिल नहीं पाए थे तो रतन टाटा ने यूपी आकर उनसे मुलाकात की थी। कहा जाता है कि इस मुलाकात में रतन टाटा ने योगी आदित्यनाथ से कहा था कि योगी जी आप आ गये हैं तो अब सब ठीक हो जाएगा।

नटराजन चंद्रशेखरन

टाटा संस के नए चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन टाटा समूह के सबसे युवा चेयरमैन में से एक हैं। नटराजन चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टीसीएस ने वर्ष 2015-16 के दौरान रेवेन्यू को बढ़ाकर 16.5 अरब डॉलर तक पहुंचाया। नटराजन को टेक्नो आंत्रप्रेन्योर के तौर पर जाना जाता रहा है।

इन सेक्टर पर होगी नजऱ : फएमसीजी, आटोमोबाइल, टेलीकाम, डिफेंस, रियल एस्टेट आदि।

संजीव पुरी

37 वर्षीय संजीव पुरी आईटीसी के चेयरमैन हैं। 2014 में वह एफएमसीजी कारोबार के अध्यक्ष नियुक्त हुए। इसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। आईटीसी ने एफएमसीजी कारोबार में जूस और बी-नैचुरल ब्रांड जैसे कुछ अधिग्रहण किए। उन्होंने कहा था कि कंपनी का लक्ष्य एफएमसीजी कारोबार से 1 लाख करोड़ रुपये के राजस्व को हासिल करना है।

सुभाष चंद्रा

सुभाष चंद्रा मीडिया चैनल जी मीडिया तथा एस्सेल समूह के अध्यक्ष हैं। 11 जून 2016 को वे हरियाणा से राज्यसभा सदस्य चुने गये। सुभाष चंद्रा के योगी आदित्यनाथ से व्यक्तिगत संबंध है ऐसे में माना जा रहा है कि सुभाष चंद्रा यूपी में बड़े पैमाने पर निवेश कर सकते हैं।

इन सेक्टर में रहेगी नजर : रिएल एस्टेट, पावर, सिनेमा, टेलीविजन एवं फिल्म इंड्रस्ट्री आदि।

पीवी प्रसन्ना रेड्डी

पीवी प्रसन्ना रेड्डी जीवीके पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। उन्होंने जीवीके ग्रुप 2006 में ज्वाइन किया और वह जीवीके जयपुर एक्सप्रेसवे प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष के तौर पर भी काम कर चुके हैं। रेड्डी ने उत्तर प्रदेश में बन रहे जेवर एयरपोर्ट और पावर सेक्टर में निवेश करने की रुचि हैदराबाद रोड शो में मंच पर ही दिखाई थी।

इन सेक्टर पर नजर : पावर, इंफ्रास्ट्रक्चर और एविएशन।

पी. अभीजीत पाई

जोलाना मशीनरी फैब्रीकेटर्स के अध्यक्ष के तौर पर पी.अभीजीत पाई इन दिनों यूपी में निवेश को आतुर हैं। उन्होंने रोड शो के दौरान भी इच्छा जताई थी। वह लोटर चाकलेट कंपनी के नान एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर भी रह चुके हैं।

इन सेक्टर पर नजर : रिएल एस्टेट, इंफ्रा, खनन आदि।

तनुश्री गुप्ता

लखनऊ से ही शुरू ‘मिस्टर ब्राउन’ इस बार निवेशक के तौर पर यूपी में 500करोड़ से ज्यादा का निवेश कर सकता है। माना जा रहा है कि कंपनी नए प्रोडक्ट के लिए नोयडा में मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी। देश में 600 आउटलेट खोलने की भी योजना है। इसके लिए तनुश्री गुप्ता के साथ एक एमओयू पर भी यूपी सरकार की खास निगाह है।

इन पर रहेगी नजर : एफएमसीजी और फूड प्रोसेसिंग।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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