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IRDAI: बीमा एजेंटों के कमीशन की लिमिट खत्म, नए नियम 1 अप्रैल से लागू

IRDAI: भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने बीमाकर्ताओं द्वारा उनके उत्पाद की बिक्री के लिए भुगतान किए जाने वाले कमीशन की सीमा को हटा दिया है।

Neel Mani Lal
Published on: 29 March 2023 1:51 PM GMT
IRDAI: बीमा एजेंटों के कमीशन की लिमिट खत्म, नए नियम 1 अप्रैल से लागू
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IRDAI (photo: social media )

IRDAI: बीमा एजेंटों के लिए अच्छी खबर है कि उनके कमीशन की लिमिट को खत्म कर दिया गया है। अब बीमा कम्पनी अपने हिसाब से कमीशन तय कर सकेंगी।

भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) ने बीमाकर्ताओं द्वारा उनके उत्पाद की बिक्री के लिए भुगतान किए जाने वाले कमीशन की सीमा को हटा दिया है।

नए नियम का उद्देश्य बीमाकर्ताओं को अपने खर्चों का प्रबंधन करने के लिए लचीलापन प्रदान करना है। ये नियम 1 अप्रैल से लागू होंगे। इसके चलते बीमा कंपनियों को प्रबंधन खर्च (ईओएम) सीमा तक कमीशन की पेशकश करने की अनुमति मिलेगी। ईओएम बीमाकर्ताओं द्वारा किए गए प्रबंधन खर्चों (वेतन, निश्चित व्यय, कमीशन आदि सहित) का कुल जोड़ होता है।

क्या है अधिसूचना में

इरडाई की अधिसूचना में कहा गया है कि - बीमाकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रबंधन के उनके खर्च समग्र आधार पर स्वीकार्य सीमा के भीतर हैं। जहां बीमाकर्ता ने प्रबंधन के खर्चों की स्वीकार्य सीमा को पार कर लिया है, ऐसे खर्चों की अधिकता को लाभ और हानि खाते में लगाया जाएगा।

कमीशन नीति

इरडाई ने कहा है कि बीमा कंपनी के बोर्ड को पॉलिसीधारकों और एजेंटों के हितों को ध्यान में रखते हुए कमीशन नीति बनानी चाहिए। अभी की स्थिति ये है कि बीमा बिजनेस के विभिन्न सेक्टर में अलग-अलग कमीशन सीमाएँ हैं और नीति के आधार पर उत्पाद के लिए कमीशन बीमा नियामक द्वारा अनुमोदित किया जाता है।

बीमा उद्योग ने किया स्वागत

इस बीच बीमा उद्योग ने नए नियमों का स्वागत किया है और कहा है कि यह उद्योग में विकास और नवाचार को बढ़ावा देगा। उद्योग के एक जानकार ने कहा कि नियामक द्वारा नए नियम बहुप्रतीक्षित और पथ-प्रदर्शक सुधार हैं। कमीशन भुगतान की सीमा को हटाने से बीमा क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। यह अधिक उत्पाद नवाचार, नए उत्पाद वितरण मॉडल के विकास और अधिक ग्राहक-केंद्रित संचालन की ओर अग्रसर होगा। यह बीमा पैठ को भी बढ़ाएगा और बीमाकर्ताओं को उनके खर्चों के प्रबंधन में लचीलापन प्रदान करेगा। कुल मिलाकर, यह अनुपालन मानदंडों के पालन को सुचारू करेगा। बता दें कि भारत में अपेक्षाकृत बीमा की पैठ काफी कम है।

Neel Mani Lal

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