Rameshwaram Cafe Blast: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन थी हमले की साजिश, NIA की चार्जशीट में खुलासा

Rameshwaram Cafe Blast: चार्जशीट में चार आरोपियों के नाम शामिल हैं। बताया जा रहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन और भाजपा ऑफिस पर हमले की साजिश थी।

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Newstrack Network
Published on: 9 Sep 2024 11:35 AM GMT (Updated on: 9 Sep 2024 12:13 PM GMT)
Rameshwaram Cafe Blast
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Rameshwaram Cafe Blast (pic: social media)

Rameshwaram Cafe Blast: रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट में NIA की चार्जशीट से बड़ा खुलासा हुआ है। चार्जशीट में बताया गया कि 22 जनवरी यानी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन बेंगलुरु बीजेपी ऑफिस पर हमले की साजिश थी। साजिश ISIS ने रजी थी। बीजेपी ऑफिस के साथ-साथ देश में कई जगहों पर हमला करने की फिराक में थे। बताया जा रहा है कि इसे अल हिंद मॉडल पर किया जाना था। इसके लिए इन्हें डार्क वेब और क्रिप्टो में फंडिग की जा रही थी। चार्जशीट में चार आरोपियों के नाम शामिल हैं। NIA ने इस मामले में आज बेंगलुरू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है।

चार आरोपियों के नाम शामिल

बेंगलुरु के हाई प्रोफाइल रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट केस में NIA ने आज बेंगलुरु कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दी है। इसमें चार आरोपियों के नाम हैं। चार्जशीट में मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मथीन अहमद ताहा, माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ के नाम शामिल हैं। चारों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी, यूए (पी) अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और पीडीएलपी अधिनियम के तहत चार्जशीट दायर की गई है। एक मार्च को हुए रामेश्वरम कैफे में हुए आईईडी विस्फोट की तीन मार्च से NIA ने जांच शुरु की थी। इस विस्फोट में नौ लोग घायल हो गए थे।

ISIS से जुड़े थे चारो आरोपी

NIA की जांच में कई बड़े खुलासे हुए हैं। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुसाविर हुसैनशाजिब ने ही कैफे में बम लगाया था। यह भी पता चला कि आरोपी ल-हिंद मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बाद अब्दुल मथीन अहमद ताहा के साथ फरार हो गया था। कैफे में विस्फोट के 42 दिन बाद पश्चिम बंगाल से उसे गिरफ्तार किया गया था। दोनों कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के निवासी हैं। साथ ही दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह सभी लोग मुस्लिम युवाओं को ISIS विचारधारा में शामिल कर रहे थे। इन्हीं में अन्य दोनों आरोपी माज मुनीर अहमद और मुजम्मिल शरीफ भी हैं।

डार्क वेब का किया इस्तेमाल

ताहा और शाजिब ने घटना को अंजाम देने के लिए फर्जी सिम कार्ड और बैंक खातों का उपयोग किया। डार्क वेब का इस्तेमाल कर फर्जी दस्तावेज भी प्राप्त किया। ताहा को आतंकी शोएब अहमद मिर्जा ने मोहम्मद शहीद फैसल से मिलवाया था, जो लश्कर के बेंगलुरु मॉड्यूल मामले में फरार है। ताहा ने फिर फैसल, अपने हैंडलर महबूब पाशा, अमीर खाजा मोहिदीन और बाद में माज मुनीर अहमद से मिलवाया।

टेलीग्राम पर रची साजिश

घटना को अंजाम देने के लिए क्रिप्टो में फंडिंग की गई। टेलीग्राम पर साजिश रची गई। इनका मकसद देश में कई जगहों पर विस्फोट करना था। कई जगहों को इन्होंने मार्क भी कर लिया था। 22 जनवरी को अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा में भी हमले की साजिश थी। बेंगलुरू में कई जगहों पर हमले की फिराक में थे। इनके प्लान में बीजेपी दफ्तर पर भी हमला करना शामिल था। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों ने इसे विफल किया।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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