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बांग्लादेश में ISKCON टारगेट पर, जानें कट्टरपंथियों के आगे क्यों झुकी सरकार

ISKCON Ban in Bangladesh: बांग्लादेश में इस्कॉन मंदिर बैन कराने को लेकर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है।

Sonali kesarwani
Published on: 27 Nov 2024 2:59 PM IST
ISKCON Ban in Bangladesh
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ISKCON Ban in Bangladesh (social media) 

ISKCON Ban in Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से ऐसा देखा जा रहा है कि इस्कॉन टेम्पल को लेकर लगातार विरोध और हिंसा हो रही है। बांग्लादेश में लगातार हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है। अभी हाल ही में बांग्लादेश इस्कॉन के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया था। उसके बाद लगातार बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग उठ रही है। बता दें कि ये मामला शेख हसीना के सरकार गिरने के बाद से ज्यादा उठने लगा है। लगभग 4 से 5 महीने पहले शेख हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं थी। और तब से वो यहीं पर हैं। इस दौरान बांग्लादेश में उनकी सरकार भी खत्म हो गई और उनके उच्च अधिकारी ही अपना पद छोड़कर इस्तीफ़ा दे दिए। इस समय हालात ऐसे हैं कि वहां की सरकार कट्टरपंथियों के इशारे पर ही चल रही है। और कट्टरपंथी लगातार हिन्दू मंदिरों को अपना निशाना बना रहें हैं।

इस्कॉन टेम्पल को किया जा रहा ख़त्म

कट्टरपंथी बांग्लादेश में हिन्दुओं को अपने निशाने पर लिए हुए हैं। ऐसा नई सरकार के गठन के बाद से ही ज्यादा देखने को मिल रहा है। मौजूदा समय में कटटरपंथी इस्कॉन को ख़त्म करने पर तुले हुए हैं। जिसके लिए वे #BanISKCON और #ISKCONisTerrorist जैसे ऑनलाइन अभियान भी चला रहे हैं। वे ऐसी भ्रांतियां भी फैला रहे हैं कि इस्कॉन उनके देश की सुरक्षा और सांप्रदायिक स्थिरता के लिए खतरा है। बता दें कि हसीना की सरकार गिरने के तुरंत बाद ही कट्टरपंथियों ने खुलना डिवीजन के मेहरपुर में एक इस्कॉन मंदिर को तोड़कर उसमे आग लगा दिया था।

बांग्लादेशी सरकार कट्टरपंथियों के सहारे

बांग्लादेश में इस समय नई यूनुस सरकार का गठन हुआ है। लेकिन ये सरकार स्वतंत्र रूप से काम करते हुए नहीं दिखाई दे रही है। कुछ कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का ऐसा दावा है कि बांग्लादेश में इस्कॉन पर हमला करने की इजाजत यूनुस सरकार ने ही कट्टरपंथियों को दी थी। मौजूदा सरकार कट्टरपंथियों को खुश करने में लगी है। क्योंकि अगर वो ऐसा नहीं करते तो उनकी सरकार का भी वही हाल होगा जो शेख हसीना का हुआ है। जानकारी के लिए बता दें कि कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने जुमे की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए इसके समर्थकों के खिलाफ हिंसक नारे लगाए थे।

कट्टरपंथी इस्कॉन को इसीलिए भी ख़त्म करना चाह रहे है क्योंकि वहां पर इस्कॉन का एक अच्छा ख़ासा नेटवर्क बना हुआ है। जिसे ये तोड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। बता दें कि बांग्लादेश में इस्कॉन लोगों को काफी मदद करता है। उसका पूरा एक समुदाय बना हुआ है जिनकी आस्था इस्कॉन पर है। आर्थिक तौर पर भी इस्कॉन काफी मजबूत है। एक मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बांग्लादेश में मौजूदा समय में 40000 मंदिर है।



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Sonali kesarwani

Sonali kesarwani

Content Writer

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