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इसे कहते हैं न्याय! पहले हुआ हत्यारे का 20 साल तक इलाज, फिर दी उम्रकैद की सजा

मुंबई से एक चौंकाने वाली खबर है। यहां गफ्फार नाम के एक व्यक्ति को हत्या के मामले में सजा देने के लिए 20 साल तक कोर्ट इंतजार करता रहा और आखिर में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।

Vidushi Mishra
Published on: 29 Jun 2019 11:22 AM IST
इसे कहते हैं न्याय! पहले हुआ हत्यारे का 20 साल तक इलाज, फिर दी उम्रकैद की सजा
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नई दिल्ली : मुंबई से एक चौंकाने वाली खबर है। यहां गफ्फार नाम के एक व्यक्ति को हत्या के मामले में सजा देने के लिए 20 साल तक कोर्ट इंतजार करता रहा और आखिर में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। उसकी मानसिक हालत इस कदर खराब थी कि कोर्ट में पूछे गए सवालों या फिर अपने बचाव के लिए कोई जवाब दे सके।

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इस दौरान कोर्ट ने अभियुक्त को दो बार इलाज के लिए अस्पताल भी भेजा। पहली बार अभियुक्त का करीब 11 साल तक इलाज चला। इसके बाद जब वह कोर्ट में पेश हुआ तब भी वह अपने बयान सही से नहीं दे पा रहा था। ऐसे में फिर एक बार कोर्ट ने उसे चिकित्सकों के पास भेज दिया। इस दौरान फिर एक बार गफ्फार का करीब 7 साल तक इलाज चला। आखिर वह कोर्ट में अच्छी सेहत के साथ पेश हुआ और 2019 में उसे सजा सुनाई गई। हालांकि इस दौरान वह जेल में ही रहा और उसका नियमित इलाज चलता रहा।

ये था मामला

गफ्फार नामक अभियुक्त ने 1999 में अशोक यादव की हत्या कर दी थी। सांताक्रूज इलाके में रात को अशोक सड़क किनारे सो रहा था। इस दौरान गफ्फार ने उसे जगाया और चाकू से गोदकर हत्या कर फरार हो गया। बाद में पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया। जब गफ्फार को कोर्ट में पेश किया गया तो उसने बेतुकी बातें की। उसकी दिमागी हालत पर शक होने के बाद कोर्ट ने चिकित्सकीय जांच का आदेश दिया।

गफ्फार को थी ये बीमारी

डॉक्टरों ने जब गफ्फार की 2001 में जांच की तो पता चला कि वह स्किट्जोफ्रेनिया नामक दिमागी बीमारी से पीड़ित था। करीब 11 साल तक उसका इलाज चलता रहा। इस दौरान सुनवाई रुकी रही। इसके बाद एक बार फिर 2012 में सुनवाई शुरू हुई। जब गफ्फार को फिर कोर्ट में पेश किया गया तो उसका वही हाल दिखा और वह उलटे सीधे जवाब देता दिखा।

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जिसके बाद उसे फिर इलाज के लिए भेजा गया। सुनवाई एक बार फिर रुक गई। मुंबई के थाणे में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजिक हेल्‍थ में उसका इलाज चला और फरवरी 2019 को उसे पूरी तरह से स्वस्‍थ्य घोषित किया गया।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि अपराध करते समय गफ्फार स्वस्‍थ्य था और उसे यह पता था कि वह क्या कर रहा है। उसे इस बात की जानकारी थी कि वह कानूनी तौर पर गलत काम कर रहा है जिसकी सजा गंभीर हो सकती है। कोर्ट ने उसे हत्या का दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

Vidushi Mishra

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