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BJP President JP Nadda: हिमाचल प्रदेश की हार नड्डा पर पड़ सकती है भारी, जनवरी में खत्म होने वाला है अध्यक्ष का कार्यकाल
BJP President JP Nadda: हिमाचल प्रदेश नड्डा का गृह राज्य है और इस प्रदेश में पार्टी के टिकट तय करने में भी उनकी बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
BJP President JP Nadda: हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों से भाजपा को करारा झटका लगा है। भाजपा की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा था मगर कांग्रेस ने भाजपा को 15 सीटों से पीछे छोड़कर करारा झटका दिया है। ऐसे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
दरअसल हिमाचल प्रदेश की पूरी चुनावी कमान नड्डा ने खुद संभाल रखी थी। हिमाचल प्रदेश नड्डा का गृह राज्य है और इस प्रदेश में पार्टी के टिकट तय करने में भी उनकी बड़ी भूमिका बताई जा रही है। भाजपा के टिकट वितरण को लेकर हिमाचल प्रदेश में काफी नाराजगी दिखी और तमाम सीटों पर बागी उम्मीदवार उतर पड़े। इन बागियों ने भाजपा को हराने में बड़ी भूमिका निभाई। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त होने वाला है। हिमाचल प्रदेश की इस बड़ी विफलता के बाद अब अध्यक्ष के रूप में नड्डा को एक्सटेंशन मिलने की संभावना पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
गुजरात की जीत का श्रेय मोदी और शाह को
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए बिल्कुल अलग-अलग संदेश देने वाले साबित हुए हैं। जहां एक ओर गुजरात में भाजपा ने सबसे बड़ी जीत दर्ज करते हुए नया इतिहास रच दिया है वहीं दूसरी ओर पार्टी को हिमाचल में करारा झटका लगा है। गुजरात में पार्टी 182 में से 156 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है और कांग्रेस 17 सीटों पर सिमट गई है। आप के खाते में भी सिर्फ 5 सीटें गई हैं। गुजरात की इस बड़ी विजय में नड्डा की कोई उल्लेखनीय भूमिका नहीं मानी जा रही है।
गुजरात में भाजपा को लगातार सातवीं बार सत्ता दिलाने में सबसे बड़ी भूमिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की मानी जा रही है। गुजरात में मतदाताओं के सामने पीएम मोदी का चेहरा था और उन्होंने राज्य में धुआंधार चुनाव प्रचार किया था। गुजरात में पार्टी की रणनीति बनाने के मोर्चे पर गृह मंत्री अमित शाह ने काफी कुशलता दिखाई। मोदी और शाह की जोड़ी को ही गुजरात की ऐतिहासिक जीत का श्रेय दिया जा रहा है।
हिमाचल में विफल हुई नड्डा की रणनीति
हालांकि पीएम मोदी ने हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी प्रत्याशियों के लिए कई चुनावी सभाएं की थीं मगर रणनीतिक मोर्चे पर नड्डा ही सबकुछ देख रहे थे। चुनाव के दौरान वे लगातार हिमाचल प्रदेश के सियासी रण में डटे रहे मगर पार्टी को उसका कोई फायदा होता नहीं दिखा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी हिमाचल प्रदेश के चुनाव में काफी सक्रिय थे मगर नड्डा और ठाकुर हिमाचल के हर मोर्चे पर विफल साबित होते दिखे।
हिमाचल प्रदेश में टिकट वितरण को लेकर भी काफी असंतोष था और राज्य की आदत 60 में से 21 सीटों पर भाजपा के बागी चुनाव मैदान में कूद पड़े थे। नड्डा तमाम कोशिशों के बावजूद कई बागियों को मनाने में विफल साबित हुए। इन बागी उम्मीदवारों ने भाजपा को काफी चोट पहुंचाई जबकि तीन बागी उम्मीदवार चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे।
जनवरी में खत्म होने वाला है कार्यकाल
हिमाचल प्रदेश में भाजपा की इस विफलता के बाद अध्यक्ष के रूप में नड्डा के कार्यकाल को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त होने वाला है। 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह मंत्री बनने पर नड्डा ने जुलाई 2019 में कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी। बाद में 20 जनवरी 2020 को उन्हें पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। इस तरह नड्डा का तीन वर्ष का कार्यकाल अगले साल जनवरी में समाप्त होने वाला है।
फिर अध्यक्ष बनने की संभावनाओं पर लगा ग्रहण
पहले पार्टी में इस तरह की चर्चा थी कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए नड्डा को एक्सटेंशन मिल सकता है मगर अब माना जा रहा है कि पार्टी की ओर से कोई और फैसला भी लिया जा सकता है। 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तेलंगाना समेत कई राज्यों में चुनाव होने हैं और उसके बाद भाजपा को 2024 की बड़ी सियासी जंग लड़नी है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है।