उथल-पुथल को रहे तैयार: मंत्री नरोत्तम की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को

Rishi
Published on: 10 July 2017 12:29 PM GMT
उथल-पुथल को रहे तैयार: मंत्री नरोत्तम की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को
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भोपाल : भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तीन साल तक चुनाव लड़ने में अयोग्य ठहराए गए मध्यप्रदेश के जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने जिस याचिका में आयोग के फैसले को चुनौती दी है, उस पर और उनके मंत्री व विधायक पद न छोड़ने की शिकायत वाली याचिका पर जबलपुर उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ में सुनवाई 11 जुलाई को होगी।

अदालत के रुख पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस, दोनों की खास नजर है, क्योंकि इन दोनों याचिकाओं पर आने वाले अदालत के फैसलों से राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल मचने वाली है। साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि दावे के मुताबिक, मंत्री मिश्रा राष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर पाते हैं या नहीं।

भारत निर्वाचन आयोग ने 23 जून को एक आदेश जारी कर जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा को वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल के लिए अयोग्य ठहराया था। आयोग का फैसला आने के बाद मिश्रा न मंत्री रह सकते हैं और न विधायक, लेकिन इस्तीफा देने की बजाय उन्होंने उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में एक याचिका दायर कर आयोग के फैसले को ही चुनौती दे दी है।

इस याचिका पर पहली सुनवाई 30 जून को हुई थी, जिसमें आयोग के वकील ने जवाब के लिए समय मांगा था। अगली सुनवाई पांच जुलाई को होनी थी, लेकिन ग्वालियर में अधिवक्ताओं की हड़ताल के चलते उस दिन मंत्री मिश्रा और उनके प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती ने स्वयं अपनी पैरवी की थी, जिसमें सुनवाई की अगली तारीख 10 जुलाई तय की गई थी।

इसी बीच जबलपुर निवासी सुरेंद्र दुबे की तरफ से एक याचिका जबलपुर उच्च न्यायालय में दायर की गई, जिस पर सुनवाई 11 जुलाई को तय है। दुबे ने निर्वाचन आयोग का फैसला आने के बावजूद मिश्रा के मंत्री व विधायक रहने पर आपत्ति दर्ज कराई है।

उधर, मंत्री मिश्रा की ओर से जसनीत सिंह होरा द्वारा दिए गए आवेदन में पूरे प्रकरण को ग्वालियर से जबलपुर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकारते हुए प्रिंसिपल रजिस्ट्रार ने मामले को जबलपुर स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इस मामले की सुनवाई भी 11 जुलाई जबलपुर की मुख्यपीठ में ही होनी है।

मिश्रा के प्रतिद्वंद्वी राजेंद्र भारती का कहना है कि पूर्व में उत्तर प्रदेश के विधायक उर्मिलेश यादव को ठीक इसी तरह के पेड न्यूज मामले में आयोग ने अयोग्य करार दिया था और उसे न्यायालय ने भी सही माना था, इसलिए उन्हें भरोसा है कि आयोग का फैसला ही बरकरार रहेगा।

दूसरी ओर, मिश्रा लगातार आयोग के फैसले पर सवाल उठाते आए हैं, साथ ही याचिका दायर कर राष्ट्रपति चुनाव का हवाला देते हुए राहत की मांग की, लेकिन ग्वालियर पीठ से उन्हें राहत नहीं मिली। उन्हें भरोसा है कि उन्हें जबलपुर मुख्यपीठ वे से न्याय मिलेगा और वह राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे।

यहां बताना लाजिमी होगा कि भारती ने रजिस्ट्रार जनरल को अर्जी देकर मामले को ग्वालियर से जबलपुर स्थानांतरित किए जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है। साथ ही उन्होंने मामले को ग्वालियर खंडपीठ में ही सुने जाने का अनुरोध किया है। जबलपुर में दायर मंत्री की याचिका को भारती ने 'प्रॉक्सी पिटीशन' बताते हुए पूर्व में ग्वालियर में दायर एक याचिका का हवाला दिया, जिसे आयोग ने अपने फैसले में मिश्रा की ओर से मामले को लंबित रखने के लिए दायर प्रॉक्सी पिटीशन माना है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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