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Lokesh Muni Ji: अशरफ मदनी के बयान का विरोध कर चर्चा में आए जैन मुनि लोकेश कौन हैं ?

Lokesh Muni Ji: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के कार्यक्रम में अशरद मदनी के बयान का सार्वजनिक विरोध कर जैन मुनि लोकेश सुर्खियों में हैं।

Krishna Chaudhary
Published on: 14 Feb 2023 4:13 PM IST
Who is Jain monk Lokesh, who came into the limelight by opposing the statement of Ashraf Madani
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अशरफ मदनी के बयान का विरोध कर चर्चा में आए जैन मुनि लोकेश कौन हैं: Photo- Social Media

Lokesh Muni Ji: दिल्ली के रामलीला मैदान में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के कार्यक्रम में अशरद मदनी के बयान का सार्वजनिक विरोध कर जैन मुनि लोकेश सुर्खियों में हैं। उन्होंने मदनी के ओम और अल्लाह वाले एक बयान पर कड़ी आपत्ति जाहिर करते हुए मंच छोड़ दिया था। बाद में उनके साथ अन्य धर्मगुरू भी वहां से चले गए, जिसके कारण जमीयत को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा।

जैन मुनि लोकेश अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धर्मगुरू हैं। उनके प्रशंसकों में मौजूदा यूएस प्रेसिडेंट जो बाइडन भी शामिल हैं। आचार्य लोकेश अपने विचारों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। जैन होने के बावजूद वे खुद को हिंदू बताते हैं। वो भारत में जनसंख्या विस्फोट के पीछे मुसलमानों को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। इतना ही नहीं वे इशारों में उनके अल्पसंख्यक होने के दावे पर भी सवाल उठा चुके हैं।

कौन हैं जैन मुनि लोकेश ?

जैन मुनि डॉ आचार्य लोकेश मुनि की पहचान एक प्रगतिशील धर्मगुरू की तो है ही साथ ही वे एक कवि और लेखक भी हैं। उन्होंने दर्जनों किताबों की रचना की है। कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीति पर लिखी गई उनकी किताब द अनबॉर्न कर्स ने पूरे समाज को झकझोड़ कर रख दिया था। इसके हिंदी संस्करण को पूर्व राष्ट्रपति डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने और इंग्लिश संस्करण को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी ने रिलीज किया था। इस किताब की भूमिका पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवानी और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने लिखी थी।

आचार्य लोकेश एक विचारक और समाज सुधारक भी माने जाते हैं। उनके द्वारा लिखी गई किताबों से ये साफ झलकता है। वह समाज को जागरूक करने और देश में शांति बनाए रखने के लिए अहिंसा विश्वभारती संस्था चलाते हैं। उनके कामों की भारत सरकार ही नहीं बल्कि दुनियाभर की संस्थाएं भी तारीफ कर चुकी हैं। आचार्य लोकेश राजस्थान के बाड़मेर जिले से आते हैं, जो पाकिस्तान की सीमा पर बसा हुआ है।

20 हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा

जैन मुनि आचार्य लोकेश ने समाज सुधार के वास्ते भारत में 20 किलोमीटर की पैदल यात्रा की है। उन्होंने लोगों को स्वच्छता, पर्यावरण प्रदूषण, नशा और बालिका भ्रूण हत्या के प्रति जागरूक किया। आचार्य लोकेश 2013 में लंदन दौरे पर थे, तभी उन्हें मुजफ्फरनगर दंगे के बारे में पता चला। वे फौरन अपनी यात्रा को बीच में छोड़ते हुए वापस भारत आए और पीड़ितों की मदद करने मुजफ्फरनगर पहुंच गए। यहां उन्होंने दोनों पक्षों से मिलकर शांति की अपील की। इसी तरह साल 2007 में उन्होंने पंजाब में अकाल तख्त और डेरा सच्चा सौदा के बीच जन्मे विवाद को सुलझाया था।

यही वजह है कि आचार्य लोकेश के प्रशंसक दुनियाभर में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के अलावा पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भी उनसे काफी प्रभावित हैं। आचार्य ने साल 2007 में अमेरिकी सीनेट में अहिंसा और शांति शिक्षा पर चर्चा की थी। उन्हें संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी, गुजराती समेत कई भाषाओं का ज्ञान है।



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Shashi kant gautam

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