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खूब छलका जाम: राजस्थान में शराब पर नहीं चली पाबंदी, 70 करोड़ हुए जाम के नाम

शराब दुकानदारों का कहना है कि अंग्रेजी और देसी शराब की खरीदारी सामान्य दिनों की तुलना में अधिक हो रही है,और छुपते छुपाते जश्न  में जमकर कर जाम छलकते है।

suman
Published on: 1 Jan 2021 11:16 AM GMT
खूब छलका जाम: राजस्थान में शराब पर नहीं चली पाबंदी, 70 करोड़ हुए जाम के नाम
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खूब छलका जाम: राजस्थान में शराब पर नहीं चली पाबंदी, 70 करोड़ हुए जाम के नाम

जयपुर: साल 2021 को बीते कुछ घंटे हो चुके हैं। कोविड-19 के बीच में दुनियाभर में नए साल का स्वागत अलग अंदाज में किया गया। कोरोना काल के दौरान लगी पाबंदियों के बावजूद लोग जश्न मनाने में पीछे नहीं रहे है। खासकर राजस्थान में यहां 31 दिसंबर की रात को लोगों ने जमकर जाम छलकाए। 2021 के आगमन की खुशी में और 2020 को अलविदा कहने के लिए भले होटल-रेस्टोरेंट में पार्टियां और जश्न नहीं हुआ हो लेकिन रोक और पाबंदी के बाद भी शराब की बिक्री नहीं थमी। पिछले साल की तुलना में न्यू ईयर पर 30 प्रतिशत शराब की बिक्री कम होने से आबकारी विभाग को कम आय हुई।

70 करोड़ रुपये की शराब बिकी

हर साल की तरह न्यू इयर सेलिब्रेशन भी इस बार नहीं हुआ। सरकार ने न्यू ईयर की पूर्व संध्या पर तमाम होटल, रेस्टोरेंट, फार्म हाउस पर पार्टियां करने पर रोक लगा दी थी। लेकिन बावजूद इसके 31 दिसंबर को शराब की बिक्री अच्छी हुई। पूरे राजस्थान में इस बार लगभग 70 करोड़ रुपये की शराब एक दिन में बिकी, जिसमें 9.90 करोड़ की बीयर, 55.93 करोड़ की अंग्रेजी शराब और 3.97 करोड़ की विदेशी आयातित शराब की बिक्री हुई।

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14 करोड़ 53 लाख रुपये की बिकी शराब

साल 2019 की बात करें तो उस समय नववर्ष के स्वागत का जश्न मनाने में राजस्थान भी पीछे नहीं रहा। यहां 31 दिसंबर 2019 की रात तक पूरे प्रदेश में 1 अरब 4 करोड़ की शराब बिकी थी। उस समय आयोजन पर किसी तरह की पाबंदी नहीं थी, लोगों ने होटल, पब, फार्म हाउस, रिसोर्ट में जमकर जाम छलकाए थे। उस समय तो आबकारी विभाग ने होटल, रेस्टोरेंट और क्लबों में पार्टियां में शराब परोसने के लिए अस्थाई लाइसेंस भी जारी किए थे, जिससे भी विभाग को आय हुई थी।

अकेले जयपुर में 14 करोड़ 53 लाख रुपये के शराब की बिक्री हुई। ये पिछले साल 2019 की तुलना में 30 फीसदी कम हैं। जबकि साल 2018 की तुलना में 7 फीसदी ज्यादा। शराब और जश्न अब चोली-दामन हो चुके हैं। नए साल की पूर्व संध्या पर जश्न पर पूरी तरह रोक के बावजूद इतनी मात्रा में शराब बिकना हर किसी को हैरान करने वाला हैं। वो भी तब जब शाम 8 बजे बाद पूरे प्रदेश में तमाम शराब की दुकानें रात 8 बजे से बंद हो गई हो।

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पर्यटकों की संख्या घटी

कोरोना काल और नाइट कर्फ्यू के कारण इस बार राजस्थान में देशी-विदेशी पर्यटक नहीं आए। वरना हजारों की संख्या में न्यू इयर का सेलिब्रेशन करने जयपुर, अजमेर, उदयपुर, जैसलमेर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, अलवर और माउंट आबू लोग घूमने आते हैं। पर्यटकों के कारण होटल, रेस्टोरेंट्स और बार में शराब की बिक्री सामान्य दिनों की तुलना में 31 के दिन बढ़ जाती है, लेकिन इस बार ये सब देखने को नहीं मिला।

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लाइफस्टाइल में बदलाव

आज के लाइफस्टाइल में न सिर्फ लोगों के खानपान का तरीका बदला है, बल्कि जीने के तौर तरीकों में भी बदलाव हुआ है। इसका पता इस बात से लगाया जा सकता है कि 31 की रात को 70 करोड़ रुपये की शराब की खपत हो गई। हालांकि नए साल के बहाने पीने-पिलाने का दौर अभी थमा नहीं है। रोज शाम को महफिल सज रही हैं और पैग लगाए जा रहे हैं। शराब दुकानदारों का कहना है कि अंग्रेजी और देसी शराब की खरीदारी सामान्य दिनों की तुलना में अधिक हो रही है। राजस्थान के लोग हर त्योहर को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। और छुपते छुपाते जश्न में जमकर कर जाम छलकते है।

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