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Jaipur-Mumbai Train Firing: मानसिक बीमारी को ढाल बनाने की कोशिश, एटीएस ने की कॉन्स्टेबल से लंबी पूछताछ
Jaipur-Mumbai Train Firing: मुंबई पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या के आरोपी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह से कई घंटों की लंबी पूछताछ की है।
Jaipur-Mumbai Train Firing: जयपुर - मुंबई एक्सप्रेस ट्रेन हत्याकांड में नई नई जानकारियां सामने आ रही हैं। पता चला है कि चार लोगों की हत्या के बाद जब किसी ने चेन खींची तो ट्रेन रुक गई और कॉन्स्टेबल चेतन सिंह ट्रेन से उतर गया। लेकिन नीचे उतर कर भी उसने ट्रेन पर गोलियां चलाईं थीं। अगर ट्रेन न रुकती तो शायद और लोगों को भी मार दिया गया होता।
यह भी पता चला है कि आरोपी चेतन के वकील और परिवारवाले उसे मानसिक रूप से बीमार साबित करना चाहते हैं ताकि उसे बचाया जा सके।
इस बीच मुंबई पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में चार लोगों की हत्या के आरोपी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के कांस्टेबल चेतन सिंह से कई घंटों की लंबी पूछताछ की है। चेतन सिंह फिलहाल मुंबई सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) की हिरासत में है। पता चला है कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। और बचने के लिए मानसिक बीमारी की आड़ ले रहा है।
आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन सिंह ने 31 जुलाई को महाराष्ट्र के पालघर स्टेशन के पास चलती जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सहायक उप-निरीक्षक टीकाराम मीणा और तीन यात्रियों की कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है।
बोरीवली जीआरपी
ट्रेन हत्याकांड के सिलसिले में बोरीवली जीआरपी ने 20 से ज्यादा लोगों के बयान दर्ज किए हैं। मामला बोरीवली जीआरपी के पास इसलिए है क्योंकि कॉन्स्टेबल चेतन सिंह बोरीवली के पास ही ट्रेन से उतर कर भागने की कोशिश कर रहा था और वहीं पकड़ा गया था।घटना के बाद, मुंबई में बोरीवली सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) में चेतन।सिंह के खिलाफ धारा 302, शस्त्र अधिनियम और रेलवे पुलिस अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
लोगों से अपील
जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार "स्थिति को बेहतर ढंग से समझने के लिए पुलिस घटना के समय ट्रेन में मौजूद लोगों से संपर्क कर रही है। पुलिस ने लोगों से आगे आने का अनुरोध किया है ताकि घटनाओं के क्रम को ठीक से समझा जा सके।"
इससे पहले, पश्चिम रेलवे के मुख्य पीआरओ सुमित ठाकुर ने कहा कि, "जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, एक पुलिस कांस्टेबल ने अपने सहयोगी एस्कॉर्ट प्रभारी एएसआई टीका राम को गोली मार दी। इसका कारण अभी तक स्थापित नहीं हुआ है।" दुख है कि एएसआई टीका राम और तीन अन्य नागरिकों की मौत हो गई। कांस्टेबल को आरपीएफ/भयंदर ने गिरफ्तार कर लिया। आगे की जांच जारी है।"
पश्चिम रेलवे के एक बयान के अनुसार, मारे गए यात्रियों के लिए 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की गई है और एएसआई टीकाराम के परिवार को सेवा नियमों के अनुसार बकाया मिलेगा।
मानसिक स्थिति
इस बीच मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि कांस्टेबल चेतन सिंह अपराध को अंजाम देते समय बहुत होश में था। रेलवे ने भी कहा है कि रेलवे सुरक्षा बल के कांस्टेबलों के लिए आवधिक चिकित्सा परीक्षा (पीएमई) प्रणाली में आरोपी चेतन सिंह के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों का कोई रिकॉर्ड नहीं था। कांस्टेबल चेतन सिंह के मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित होने के उसके परिवार के दावों को खारिज करते हुए पुलिस ने इंडिया टुडे को बताया कि चेतन सिंह केवल अपने खिलाफ मामले को कमजोर करने और खुद को बचाने की कोशिश कर रहा है। पुलिस ने बताया कि भले ही चेतन सिंह मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज करा रहा था, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसने अपराध इसलिए किया क्योंकि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था। एक अधिकारी ने कहा कि, "जब आरोपी चेतन सिंह ने अपराध किया तो वह अपने होश में था। आरोपी ने वही किया जो वह करना चाहता था। मुझे नहीं लगता कि मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति ऐसा अपराध करेगा।"
जांच में सहयोग नहीं कर रहा
पुलिस ने यह भी कहा था कि चेतन सिंह जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और जब उससे गोलीबारी से संबंधित कोई भी सवाल पूछा गया तो उसने अधिकारियों को उटपटांग जवाब दिये। चेतन सिंह के वकील और उनके परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि चेतन ने यह अपराध इसलिए किया क्योंकि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ था।।