नेम प्लेट फरमान के खिलाफ कोर्ट जाएगा जमीयत उलेमा ए हिंद! दिल्ली में बुलाई अहम बैठक

Nameplate Case: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेम प्लेट वाले आदेश को लेकर जमीयत उलेमा ए हिंद ने कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में आज अहम बैठक बुलाई है।

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Newstrack Network
Published on: 21 July 2024 7:37 AM GMT
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नेम प्लेट फरमान के खिलाफ जमीयत उलेमा ए हिंद ने दिल्ली में बुलाई अहम बैठक

Nameplate Case: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेम प्लेट वाले आदेश के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। लगातार विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसी कड़ी में अब जमीयत उलेमा ए हिंद ने सीएम योगी के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने कहा है कि इस फरमान को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी क्योंकि धर्म की आड़ में नफरत की राजनीति की जा रही है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने कांवड़ यात्रा से जुड़े इस आदेश को भेदभावपूर्ण और सांप्रद्रायिक बताते हुए इसपर विचार करने की भी बात कही है। आज यानी रविवार को जमीयत उलेमा ए हिंद ने इस मुद्दे को लेकर अहम बैठक बुलाई है। जमीयत का यह भी कहना है कि उसकी कानूनी टीम इस फरमान के कानूनी पहलुओं की जांच कर रही है।

इससे मौलिक अधिकारों का हनन: जमीयत उलेमा ए हिंद

बीते दिन यानी शनिवार को प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा ए हिंद ने यूपी में कांवड़ यात्रा के रास्ते में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश की आलोचना की। साथ ही संगठन ने यह भी कहा कि यह 'भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक' फैसला है तथा इस तरह के फैसले से मौलिक अधिकारों का हनन होता है। बता दें, मुजफ्फरनगर जिले में 240 किलोमीटर लंबे कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी होटलों, ढाबों और ठेले वालों को अपने मालिकों या इन दुकानों पर काम करने वालों के नाम का नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद 19 जुलाई को यूपी सरकार ने पूरे प्रदेश के लिए यह आदेश जारी करने आदेश दिया।

मौलाना अरशद मदनी का बयान

जमीयत उलेमा ए हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने नेम प्लेट वाले आदेश को लेकर कहा, 'यह एक भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक फैसला है। इस फैसले से देश विरोधी तत्वों को लाभ उठाने का अवसर मिलेगा और इस नए आदेश के कारण सांप्रदायिक सौहार्द को गंभीर क्षति पहुंचने की आशंका है।' मदनी ने आगे कहा कि संविधान ने सभी नागरिकों को पूरी आजादी दी है कि वे जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं। कोई किसी की व्यक्तिगत पसंद में बाधा नहीं डाल सकता है क्योंकि यह नागरिकों के मौलिक अधिकार के विषय हैं।' उन्होंने इस आदेश को मौलिक अधिकारों का हनन करने वाला बताया।

Aniket Gupta

Aniket Gupta

Senior Content Writer

Aniket has been associated with the journalism field for the last two years. Graduated from University of Allahabad. Currently working as Senior Content Writer in Newstrack. Aniket has also worked with Rajasthan Patrika. He Has Special interest in politics, education and local crime.

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