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मोदी से मिलने के बाद बोलीं महबूबा- आर्मी कैंप पर हमला करने वालों से कैसी बातचीत ?

Rishi
Published on: 27 Aug 2016 6:55 AM GMT
मोदी से मिलने के बाद बोलीं महबूबा- आर्मी कैंप पर हमला करने वालों से कैसी बातचीत ?
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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी से कश्मीर मुद्दे पर बातचीत के बाद जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को दो टूक कहा,'' कश्मीर के ताजा हालात के हल के लिए आर्मी कैंप पर हमला करने वालों से कोई बात नहीं होगी। पीएम मोदी भी यही चाहते हैं कि कश्मीर में खून-खराबा बंद हो। मोदी सरकार में कश्मीर का हल निकल सकता है। पत्थर मारने से कश्मीर का हल नहीं निकलेगा। हिंसा करने वाले खुद सोचें कि बातचीत कैसे होगी। पाकिस्तान कश्मीर को पाने के लिए युवाओं का उकसाना बंद करे। कश्मीर को बचाने के लिए सबको आगे आना होगा।'' बता दें कि आतंकवादी बुरहाल वानी के एनकाउंटर के बाद से ही कश्मीर में अलगावादियों ने माहौल बिगाड़ना शुरू कर दिया था। फिलहाल कश्मीर में 50 दिन से लगातार कर्फ्यू जारी है।

'कश्मीर के लिए पीएम भी हैं परेशान'

-पत्थरबाजी के लिए बच्चों और युवाओं को उकसाने वालों पर सख्ती की जाएगी।

-पत्थरबाजी से घायल और मरने वाले बच्चे सिर्फ कश्मीर के ही नहीं बल्कि देश के हैं।

-उनके जख्मी या मरने का दुख जितना मुझे है उतना ही पीएम को भी है।

-पत्थरबाजी की घटना को हुर्रियत ने पाकिस्तान की मदद से आगे बढ़ाया है, इसलिए उनसे बातचीत नहीं होगी।

-सरकार उन सभी दलों और संगठनों से बात करने को राजी है जो कश्मीर का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं।

-ये ऐसे लोग होने चाहिए जिनकी बात कश्मीर के भी लोग मानें।

'पाकिस्तान से बातचीत का मौका गंवाया'

-पाकिस्तान ने कश्मीर में गलत काम किया और बातचीत का मौका गंवा दिया। कश्मीर घाटी में ऑल पार्टी डेलिगेशन आएगा।

-पूर्व पीएम अटल बिहारी अटल बिहारी वाजपेयी अगर 2005 में आगे आए होते तो कश्मीर समस्या का हल निकल सकता था।

-अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में पहल की थी, जिसके बाद पाकिस्तान के साथ संबंध अच्छे होने शुरू हो गए थे।

-यूपीए की सरकार ने वाजपेयी जी की शुरू की गई बातचीत को आगे नहीं बढ़ाया और कश्मीर का मुद्दा सिर्फ मुद्दा बनकर रह गया।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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