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चुनाव मैदान में टोपी उतारने पर क्यों मजबूर हुए उमर अब्दुल्ला,लोकसभा चुनाव के बाद सता रहा किस बात का डर
JK Election 2024: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमरअब्दुल्ला इस बार मध्य कश्मीर की गांदरबल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
JK Election 2024: जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए इस बार कांग्रेस और नेशनल कान्फ्रेंस के गठबंधन ने पूरी ताकत लगा दी है। बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी कांग्रेस के चुनाव अभियान को तेज करने के लिए कश्मीर पहुंचे थे। दूसरी ओर नेशनल कान्फ्रेंस के नेताओं ने भी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इस बार मध्य कश्मीर की गांदरबल विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान शर्मनाक हार झेलने वाले उमर अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं के सामने अपनी टोपी उतारने पर मजबूर हो गए। बुधवार को गांदरबल से नामांकन के बाद सभा के दौरान उमर अब्दुल्ला ने अपनी टोपी उतारने के बाद मतदाताओं से हाथ जोड़कर जीत दिलाने की अपील की। दरअसल लोकसभा चुनाव में उमर को अपनी हार का भरोसा नहीं था और इसलिए उन्होंने इस बार भावुक अंदाज में मतदाताओं से अपील की है।
लोकसभा चुनाव में दो लाख से अधिक वोटों से हार
लोकसभा चुनाव के दौरान उमर अब्दुल्ला उत्तरी कश्मीर की बारामूला लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे थे। जीत हासिल करने के लिए उन्होंने और उनकी पार्टी नेशनल कान्फ्रेंस ने पूरी ताकत लगाई थी मगर इसके बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बारामूला में निर्दलीय उम्मीदवार अब्दुल राशिद शेख उर्फ राशिद इंजीनियर ने उमर अब्दुल्ला को भारी मतों से हराया था।राशिद शेख ने पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को 2 लाख 4 हजार 142 वोटों से हराया था। पूर्व सीएम की इतनी बड़ी हार जम्मू-कश्मीर और सिसायी गलियारों में चर्चा का विषय बन गई थी। टेरर फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद होने के कारण राशिद इंजीनियर को चुनाव प्रचार करने का मौका भी नहीं मिला था मगर इसके बावजूद वे उमर अब्दुल्ला जैसे दिग्गज को हराने में कामयाब हुए थे।
चुनावी नतीजों में निर्दलीय प्रत्याशी राशिद शेख को 4 लाख 72 हजार 481 वोट मिले थे जबकि नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार व पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को 2 लाख 68 339 वोट मिले थे। इसी सीट पर सज्जाद लोन को 1 लाख 73 हजार 239 वोट मिले थे। उमर अब्दुल्ला की इतनी बड़ी हार हर किसी को हैरान करने वाली थी।
विधानसभा चुनाव में जीत के लिए उतार दी टोपी
लोकसभा चुनाव में इतना बड़ा झटका खाने के बाद उमर अब्दुल्ला इस बार विधानसभा चुनाव में काफी सतर्क नजर आ रहे हैं। इसीलिए आमतौर पर उर्दू में बात करने वाले उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को मतदाताओं के बीच कश्मीरी में कहा कि आज मैं सिर्फ एक बात कहूंगा। मेरी पगड़ी, मेरी इज्जत और मेरी टोपी अब आपके हाथों में है।
यह कहकर उन्होंने अपनी टोपी उतारते हुए लोगों से जीत दिलाने की भावुक अपील की। उमर अब्दुल्ला के टोपी उतारने पर सभा में मौजूद भीड़ ने उनसे जोर-जोर से टोपी न उतारने की अपील की। उमर अब्दुल्ला ने जब टोपी उतार कर इज्जत बचाने की अपील की तो पार्टी के कार्यकर्ता काफी भावुक नजर आए।
सेवा का एक मौका देने का अनुरोध
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने लोगों से अपील की कि उन्हें एक मौका जरूर दें ताकि वे विधानसभा क्षेत्र के विकास के साथ ही यहां के लोगों की सेवा कर सकें। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि मैं हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि मेरी जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र के हर मतदाता के दरवाजे तक जरूर पहुंचे। गांदरबल विधानसभा क्षेत्र में 25 सितंबर को मतदान होने वाला है।
वैसे उमर अब्दुल्ला 2009 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से जीत हासिल कर चुके हैं। 2014 में उन्होंने अपना चुनाव क्षेत्र बदल लिया था और उस समय उन्होंने बडगाम जिले की बीरवाह विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। 2014 में उन्होंने श्रीनगर की सोनवार विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ा था मगर उन्हें पीडीपी के उम्मीदवार मोहम्मद अशरफ मीर के सामने हार का सामना करना पड़ा था।
गढ़ होने के बावजूद भावुक अपील की मजबूरी
वैसे गांदरबल विधानसभा क्षेत्र को नेशनल कान्फ्रेंस और अब्दुल्ला परिवार का गढ़ माना जाता रहा है। नेशनल कान्फ्रेंस के संस्थापक और उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला और उमर के पिता डॉ फारूक अब्दुल्ला इस विधानसभा क्षेत्र का कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। शेख अब्दुल्ला ने 1977 में इस सीट से जीत हासिल की थी जबकि फारूक अब्दुल्ला तीन बार इस सीट से विधायक चुने गए थे।
2009 में उमर अब्दुल्ला ने खुद इस सीट से जीत हासिल की थी जबकि 2014 में नेशनल कान्फ्रेंस के शेख इश्फाक जब्बार को इस सीट पर जीत मिली थी। इसके बावजूद उमर अब्दुल्ला इस बार घबराए हुए नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली हार ने मानसिक तौर पर उन्हें बड़ा झटका दिया है। जानकारों का मानना है कि इसी कारण गांदरबल में नामांकन दाखिल करने के बाद उमर अब्दुल्ला टोपी उतार कर मतदाताओं से भावुक अपील करने पर मजबूर हो गए।