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Jammu and Kashmir: जब हम गिलगित, बाल्टिस्तान पहुंचेंगे, तब सरदार पटेल का सपना पूरा होगा, राजनाथ का बड़ा बयान
Jammu and Kashmir News: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शौर्य दिवस के मौके पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं।
Jammu and Kashmir News: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शौर्य दिवस के मौके पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं। श्रीनगर के बडगाम में भारतीय सेना द्वारा इन्फैंट्री डे के मौके पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें रक्षा मंत्री सिंह भी शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, मैं आज, 'शौर्य दिवस और इन्फैंट्री डे' के अवसर पर, भारतीय सेना और वायु सेना के सभी बहादुर सैनिकों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ, जिनके अदम्य साहस के कारण भारत के नागरिक सुरक्षित हैं। आप सभी भविष्य में भी, अपने इसी पराक्रम के साथ राष्ट्र की सेवा करते रहेंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
कश्मीर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई का किया समर्थन
राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर में सुरक्षाबलों के आतंकवादियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, इस इलाके में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, सेना या राज्य के सुरक्षाबलों द्वारा आतंकियों और उनके सहयोगियों पर जब कोई कार्रवाई की गई है, तो देश के कुछ तथाकथित को उस कार्रवाई में आतंकियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन नजर आया है।
गिलगित, बाल्टिस्तान पर नजर
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति को लेकर कहा कि अभी हमने उत्तर दिशा की ओर चलना शुरू किया है। हमारी यात्रा तो तब पूरी होगी, जब 1947 के refugees को न्याय मिलेगा, जब उनके पूर्वजों की भूमि उन्हें सम्मान के साथ वापस मिल सकेगी। 22 फरवरी 1949 को भारतीय संसद में पारित कानून को अमल में लाएंगे और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित, बाल्टिस्तान तक पहुंचेंगे। तब जाकर सरदार वल्लभ भाई पटेल का सपना पूरा होगा। मैं यहाँ की जनता और हमारी सेनाओं के पराक्रम के बल पर पूरा आश्वस्त हूँ कि वह दिन दूर नहीं जब हमारे यह सभी mandate भी सफलतापूर्वक पूरे होंगे।
पाकिस्तान को लिया निशाने पर
श्रीनगर से राजनाथ सिंह ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को जमकर निशाने पर लिया। सिंह ने कहा, मैं पाकिस्तान से यह सवाल जरूर पूछना चाहूँगा, कि हमारे जिन इलाकों पर उसने अपना अनधिकृत कब्जा जमाया हुआ है, वहां के लोगों को उसने कितने अधिकार दे रखे हैं। मानवाधिकार के नाम पर मगरमच्छ के आंसू बहाने वाला पाकिस्तान, इन इलाकों के लोगों की कितनी चिंता करता है, यह सब जानते हैं। उन्होंने कहा, 1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच विभाजन की कथा लिखी गई। इस कथा की रक्तिम स्याही अभी सूखी भी न थी, कि पाकिस्तान द्वारा विश्वासघात की एक नई पटकथा लिखी जानी शुरू हो गई थी। विभाजन के कुछ ही दिनों के भीतर पाकिस्तान का जो चरित्र सामने आया, उसकी कभी कल्पना भी नहीं की गई थी।
बता दें कि 27 अक्टूबर को प्रत्येक साल भारतीय सेना शौर्य दिवस मनाती है। क्योंकि आजादी के फौरन बाद पाकिस्तानी सेना ने कबायलियों के जरिए जम्मू कश्मीर पर चढ़ाई कर दी थी। उस दौरान जम्मू कश्मीर एक आजाद रियासत हुआ करती थी। महाराजा हरि सिंह के मदद मांगने पर भारतीय सेना कश्मीर पहुंची और कबायलियों को खदेड़ दिया था।