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Anantnag Encounter: बेटी का मुंह तक न देख पाए तो किसी को सरप्राइज के बदले मिली तिरंगे में लिपटी लाश, कहानी ऐसी कि फिर न थमें आंसू

Anantnag Encounter: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग मुठभेड़ में आर्मी के अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, आशीष धौंचक और डीसीपी हुमायु भट्ट शहीद हो गए हैं।

Snigdha Singh
Written By Snigdha Singh
Published on: 14 Sept 2023 12:21 PM IST (Updated on: 14 Sept 2023 1:45 PM IST)
Anantnag Encounter
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Anantnag Encounter (Photo: Social Media)

Anantnag Encounter: क्या हुआ होगा उस घर में जब पता चला होगा कि किसी का बेटा, किसी का भाई तो किसी का हमसफर शहीद हो गया? अब वे कभी वापस नहीं आएंगे। जब देश के नाम पर शहादत से हमारा-आपका का कलेजा बैठा जा रहा तो उनका दर्द का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद तीनों अफसरों की कहानियां ऐसी है कि लगेगा क्या ऐसी भी किसी की दुनिया बिखरती है। मुठभेड़ में आर्मी के अधिकारी कर्नल मनप्रीत सिंह, आशीष धौंचक और डीसीपी हुमायु भट्ट शहीद हो गए हैं।

मनप्रीत सिंह थे घर के बड़ बेटे

शहीद मनप्रीत पंचकूला के रहने वाले थे। हंसता खेलता घर उस वक्ता चीखों में बदल गया जब बड़े बेटे और भाई के शहादत की खबर पहुंची। भाई संदीप सिंह फूट-फूट कर रोने लगे। मनप्रीत की पत्नी जगमीत ग्रेवाल शिक्षिका हैं, जिसके चलते मायके में थी। पहले तो उनको सूचना नहीं दी गई लेकिन जब पता चला तो बदहवास हो गईं। मनप्रीत और जगमीत की 2016 में शादी हुई थी। एक छह साल बेटा और ढाई साल की बेटी है। भाई संदीप के अनुसार पिता की मौत के बाद सारी जिम्मेदारी मनप्रीत सिंह पर आ गई थी। उन्होंने आगे बताया कि जब हमने कल फोन लगाया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। हालांकि मन घबराया लेकिन ये नहीं पता था कि ये खबर मिलेगी। मां और पत्नी को दोनों की स्थिति ऐसी हो गई कि संभाल पाना मुश्किल है।

घर जाकर देना चाहते थे सरप्राइज पर पहुंची लाश

इस मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त होने वालों में हरियाणा का लाल आशीक धौंचक भी शामिल है। पानीपत के रहने वाले मेजर आशीष धौंचक बलिदान हो गए। आशीष धौंचक को गृह प्रवेश कार्यक्रम में 23 अक्टूबर को घर आना था। इस दिन वह आकर घरवालों को सरप्राइज देना चाहते थे, उसी दिन उनका जन्म दिन था। आशीष धौंचक की तीन बहनों में इकलौते भाई थे। उनकी शहादत ने मानों न पत्नी ज्योति बल्कि पूरे परिवार को बिखेर दिया। तीन साल की मासूम बेटी वामिका के सिर से उसके पिता की हाथ उठ गया। जब तिरंगे से लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा तो सब सहम गए। आशीष धौंचक वर्ष-2012 में सिखलाई रेजीमेंट सेना में भर्ती हुए थे।

दो महीने बेटी के सिर उठा पिता साया

दो महीने के बेटी, जिसने अपने पिता को ठीक से जाना ही नहीं था। उसके सिर से पिता का साया उठ गया। जम्मू-कश्मीर में तैनात डीसीपी हुमायूं भट्ट की एक साल पहले शादी हुई थी। अनंतनाग की मुठभेड़ में जाबांज अफसर ने अपनी जान की बाजी लगा दी। इनके परिवार में पत्नी, जो प्रोफेसर हैं और महज दो महीने की बच्ची है। अंतिम विदाई के लिए हुजूम उमड़ पड़ा। हर कोई बारी बारी से कंधा दे रहा है। लेकिन पत्नी और बच्ची सिर्फ अफसर की तरह निहार रहे। वहीं एक तरफ बुजुर्ग बाप भी खामोश हो गया। मालूम हो इनके पिता गुलाम हसन भट्ट पूर्व DIG हैं। वह मूलतः पुलवामा जिले के रहने वाले हैं। इन अफसरों की शहादत से देश में सबके मन को गमगीन कर दिया है।



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Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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