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पत्थरबाज पर मेहरबान J&K मानवाधिकार आयोग, 10 लाख मुआवजा देने का आदेश

जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को सेना की जीप से बांधे गए युवक फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपए का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।

tiwarishalini
Published on: 10 July 2017 1:23 PM GMT
पत्थरबाज पर मेहरबान J&K मानवाधिकार आयोग, 10 लाख मुआवजा देने का आदेश
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पत्थरबाज पर मेहरबान J&K मानवाधिकार आयोग, 10 लाख मुआवजा देने का आदेश

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने राज्य सरकार को सेना की जीप से बांधे गए युवक फारूक अहमद डार को 10 लाख रुपए का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है। आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बिलाल नाजकी ने सोमवार को अपने फैसले में राज्य सरकार को फारुख अहमद डार को मुआवजा देने का निर्देश दिया।

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न्यायमूर्ति नाजकी ने राज्य सरकार को पीड़ित व्यक्ति की गरिमा और उसके जीवन को खतरे में डाले जाने के कारण उसे मुआवजा देने का निर्देश दिया। आयोग ने हालांकि सेना को इस संदर्भ में कोई निर्देश नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि सेना जम्मू-कश्मीर मानवाधिकार आयोग के अधिकार क्षेत्र में सेना नहीं आती।

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गौरतलब है कि 53 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर नितिन गोगोई ने फारूक अहमद डार को बीरवाह इलाके में 9 अप्रैल को श्रीनगर-बड़गाम में लोकसभा उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजों के खिलाफ मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था। घाटी में पत्थरबाजों के बीच घिरे सेना के जवानों को बचाने के लिए मेजर नितिन लितुल गोगोई ने डार को जीप के बोनट से बांधने का फैसला लिया था।

क्या कहा था मेजर ने ?

मेजर लितुल गोगोई ने सफाई देते हुए कहा था कि जो हालात वहां पर थे उसमें फारुख अहमद डार को जीप के बोनट पर बांधने के सिवाय कोई और बेहतर विकल्प नहीं था। सेना अगर वहां फंसे चुनावकर्मियों को बाहर निकालने के लिए बल प्रयोग करती तो काफी जानें जा सकती थीं।

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मेजर को मिली क्लीन चिट

मेजर के इस फैसले के बाद विवाद मच गया था। राज्य सरकार ने मामले की जांच कराने की बात कही थी। 53 राष्ट्रीय राइफल के मेजर गोगोई के खिलाफ जम्मू कश्मीर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी।

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एफआईआर दर्ज होने के दो दिन बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी बैठाई थी, लेकिन जांच में मेजर गोगोई को क्लीन चिट मिल गई थी। जांच के बाद मेजर के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ना करने की अनुशंसा की गई।

मेजर गोगोई को सेना ने किया सम्मानित

फारूक अहमद डार को जीप के बोनट से बांधने की घटना के तकरीबन दो हफ्ते बाद सेना ने मेजर गोगोई को इस फैसले के लिए सम्मानित किया। मेजर गोगोई को उनकी विशिष्ट सेवा के लिए थलसेना अध्यक्ष की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

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मामला फिर पकड़ सकता है तूल

मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद मेजर गोगोई के डार को जीप के बोनट से बांधने का मामला एक बार से तूल पकड़ सकता है। आयोग के फैसले से यह साबित हो गया है कि फारूक अहमद डार पीड़ित हैं। लेकिन सेना डार को पत्थरबाज कहती रही है और बीजेपी खुलकर सेना के समर्थन में है।

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