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Target Killing in Kashmir: कश्मीर में टारगेट किलिंग पर होगा बड़ा एक्शन, आज गृह मंत्री शाह की बैठक

Jammu and Kashmir Updates : जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं पर अब बड़े एक्शन की तैयारी है। घाटी में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आतंकियों ने टारगेट किलिंग की कई घटनाओं को अंजाम दिया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 3 Jun 2022 2:42 AM GMT (Updated on: 3 Jun 2022 2:55 AM GMT)
Target Killing in Jammu and Kashmir
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Target Killing in Jammu and Kashmir (image social media)

Jammu Kashmir Updates today : जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग (target killing) की बढ़ती घटनाओं पर अब बड़े एक्शन (action) की तैयारी है। घाटी में पिछले कुछ हफ्तों के दौरान आतंकियों (terrorists) ने टारगेट किलिंग की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। घटनाओं को लेकर घाटी में रहने वाले हिंदुओं और कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) में जबर्दस्त गुस्सा दिख रहा है। विपक्ष की ओर से भी मोदी सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। इस मामले में अब गृह मंत्री अमित शाह पूरी तरह एक्शन के मूड में आ गए हैं। गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बुलाने के लिए आज एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। दरअसल टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ने से लोगों का पलायन शुरू हो गया है। घाटी में काम करने वाले दूसरे इलाकों के लोगों ने अब घाटी छोड़ना शुरू कर दिया है।

गृह मंत्री की ओर से बुलाई गई आज की बैठक को जम्मू-कश्मीर के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि आज की बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ा जा सकता है।

उपराज्यपाल और डोभाल भी लेंगे हिस्सा

गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर में टारगेट किलिंग के मुद्दे पर गुरुवार को भी एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल, केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह,रा चीफ और गृह मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अफसर मौजूद थे। बैठक में घाटी में रहने वाले अल्पसंख्यकों के बीच विश्वास पैदा करने और टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के उपायों पर चर्चा की गई। इसी कड़ी में आज फिर गृह मंत्री की ओर से महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है।

आज होने वाली बैठक में एनएसए डोभाल और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव, डीजीपी, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी और गृह मंत्रालय के प्रमुख अफसर हिस्सा लेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर के नागरिक और पुलिस प्रशासन को गृह मंत्री की ओर से सख्त निर्देश जारी किए जा सकते हैं।

टारगेट किलिंग में आतंकी संगठनों का हाथ

दरअसल जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में टारगेट किलिंग की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। टारगेट किलिंग की इन घटनाओं ने सरकार की चिंता भी बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि टारगेट किलिंग की इन घटनाओं के पीछे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का माड्यूल काम कर रहा है।

हालांकि टारगेट किलिंग की कई घटनाओं के बाद सेना के जवानों ने बड़ा अभियान छोड़कर इन घटनाओं के जिम्मेदार आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया है मगर इन घटनाओं के कारण लोगों में लगातार दहशत और डर का माहौल बनता जा रहा है। इसलिए अब इन घटनाओं को रोकने के लिए आतंकियों की कमर तोड़ने का बड़ा अभियान छेड़ने की तैयारी है।

टारगेट किलिंग की घटनाएं बढ़ीं

टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आती जा रही है। हाल के दिनों में टारगेट किलिंग की कई घटनाएं हुई हैं और इस कारण अल्पसंख्यकों ने घाटी से पलायन शुरू कर दिया है। कुलगाम जिले में गुरुवार को एक आतंकी ने बैंक में घुसकर मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी।

इस घटना का सीसीटीवी वीडियो भी सामने आ गया है। इसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि आतंकी ने इधर-उधर देखने के बाद बैंक मैनेजर को गोलियों से भून दिया और इसके बाद भाग निकला। इसके पूर्व मंगलवार को कुलगाम में ही आतंकियों ने स्कूल में घुसकर हिंदू शिक्षिका रजनी बाला को मौत के घाट उतार दिया था। रजनी बाला के पति ने उन्हें स्कूटर से स्कूल छोड़ा और स्कूल में उनके घुसते ही घात लगाकर बैठे आतंकियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके उनकी जान ले ली।

स्कूली बच्चों के सामने हुई इस घटना से घाटी में दहशत फैल गई। इससे पहले 12 मई को आतंकियों ने बडगाम जिले के चडूरा तहसील दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। पिछले एक महीने के दौरान टारगेट किलिंग के आठ घटनाएं हो चुकी हैं और इसी कारण सरकार की चिंता बढ़ गई है।

घटनाएं रोकने के लिए बड़ा फैसला

टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण घाटी में काम करने वाले सरकारी हिंदू कर्मचारी किसी भी कीमत पर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें दूरदराज के इलाकों से हटाकर जम्मू भेजा जाए। कर्मचारियों के बढ़ते दबाव के कारण जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब कश्मीर घाटी में काम करने वाले सभी हिंदू कर्मचारियों को सिर्फ जिला मुख्यालयों में ही तैनात किया जाएगा।

जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों की ओर से लगातार यह मांग की जा रही थी कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पोस्टिंग दी जाए। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सभी कर्मचारियों को 6 जून तक सुरक्षित स्थानों पर पोस्टिंग देने की तैयारी है। कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए एक ईमेल आईडी भी बनाई जाएगी। इस ईमेल आईडी पर कर्मचारी अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं। इन शिकायतों पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। इस मामले में ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर कड़ा एक्शन लेने की तैयारी है।

Prashant Dixit

Prashant Dixit

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