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Anantnag Encounter: अनंतनाग में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में एक आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी

Jammu Kashmir Anantnag Encounter: अनंतनाग में एक बार फिर सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई, जिसमें जवानों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 3 Jun 2022 4:12 PM GMT
Anantnag Encounter: अनंतनाग में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में एक आतंकी ढेर, मुठभेड़ जारी
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भारतीय सुरक्षाबल (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Jammu Kashmir Encounter: दक्षिण कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित जिले अनंतनाग में सुरक्षाबलों (Indian Security Forces) ने एंटी टेरर अभियान के दौरान एक आतंकवादी (Terrorist Killed) को मार गिराया है। दरअसल सुरक्षाबलों को अनंतनाग (Anantnag) के वेरीपान कापरान क्षेत्र में 2-3 आतंकवादियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद सेना और पुलिस के जवानों ने मिलकर इलाके को घेर लिया।

इसी दौरान छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी, सुरक्षाबलों के जवाबी कार्रवाई में एक दहशतगर्द मारा गया। बताया जा रहा है कि वहां अब भी दो आतंकी छिपे हुए हैं। खबर लिखे जाने तक मुठभेड़ जारी है।

घाटी छोड़कर जा रहे कश्मीरी पंडित

साउथ कश्मीर का अनंतनाग जिला हमेशा से आतंकियों के लिए ऐशगाह रहा है। यहां आतंकी बड़े आराम से अपने खतरनाक मंसूबों को अंजाम देकर भागने में सफल रहते हैं। यही वजह है कि यहां से कश्मीरी पंडित अधिक पलायन कर रहे हैं। अनंतनाग के मट्टन में रह रहे पंडित गुरूवार को हुए हमलों से डरकर जम्मू के बनिहाल जाने की कोशिश में जुट गए हैं।

अभी तक 30-40 परिवार शहर छोड़कर जा चुके हैं। इनमें पीएम पैकेज के तहत नौकरी पाने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं। एक कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी बताते हैं कि अब श्रीनगर में भी कोई सुरक्षित जगह नहीं रह गई है। लिहाजा अब घाटी छोड़ना ही सबसे बेहतर विकल्प है।

गुरूवार को दो आतंकी हमलों से बढ़ा खौफ

गुरूवार सुबह एक बैंक मैनेजर की हत्या और फिर शाम में प्रवासी मजदूरों पर आतंकियों द्वारा जानलेवा हमले ने कश्मीर में रह रहे प्रवासियों और कश्मीरी हिंदुओं के धैर्य का जवाब दे दिया है। इन हमलों के बाद अब उनके जेहन में इतना खौफ भर गया है कि अब उन्हें सरकार के सुरक्षा इंतजामों पर जरा भी भरोसा नहीं रह गया है। यही वजह है कि 1990 के दशक के बाद एकबार फिर कश्मीर घाटी से हिंदुओं का पलायन शुरू हो गया है।

वहीं नई दिल्ली में बैठकें पर बैठकें चल रही हैं, लेकिन कश्मीर के जमीन पर अभी तक कुछ ठोस होता नजर नहीं आ रहा है, जो खौफजदा कश्मीरी हिंदुओं में आतंकियों का सामना करने का जज्बा पैदा कर सके।

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Shreya

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