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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद बौखलाई महबूबा ने दिया ये बड़ा बयान

जम्मू-कश्मीर को लेकर चल रही तमाम कयासों पर सोमवार को विराम लग गया। केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 5 Aug 2019 5:39 PM IST
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद बौखलाई महबूबा ने दिया ये बड़ा बयान
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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर को लेकर चल रही तमाम कयासों पर सोमवार को विराम लग गया। केंद्र की मोदी सरकार ने ऐतिहासिक और अभूतपूर्व फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया है।

राज्यसभा में अमित शाह के ऐलान के बाद कश्मीर के राजनेता आगबबूला हो गए हैं। इसके साथ सियासी पार्टियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। प्रदेश को विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 के विभिन्न खंडों के खत्म होने के बाद पीडीपी प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस फैसले को असंवैधानिक और इसे भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का एक काला दिन बताया है।

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महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है। जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है।

बौखलाई महबूबा मुफ्ती ने फिर ट्वीट किया और कहा कि भारत सरकार के इस फैसले से पूरे उपमहाद्वीप पर बुरे नतीजे सामने आएंगे। भारत सरकार की नीयति स्पष्ट हो गई है। भारत सरकार जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों को डराना चाहती थी। सरकार ने कश्मीर को लेकर जो वादा किया वह उस वादे से मुकर गई है।

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महबूबा यहीं नहीं रुकीं उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के मंदिर को धोखा दिया गया है, जो लोग जम्मू-कश्मीर के मामले का उपाय संयुक्त राष्ट्र के जरिए निकालना चाह रहे थे उनके साथ छल हुआ है। कश्मीरियों को एलियन बना दिया गया है।

आगे अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि मैं अब भी नजरबंद हूं। मुझे किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है। मुझे नहीं पता कि मैं और कितनी देर तक किसी और से बात कर पाऊंगी। भारत सरकार के इरादे नेक नहीं हैं। ये इकलौते मुस्लिम बाहुल्य राज्य की रूपरेखा बदलना चाहते हैं। ये चाहते हैं कि मुस्लिम अपने ही राज्य में सेकंड क्लास के नागरिक बनकर रह जाएं।



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