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J&K: सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, वाहनों की चेकिंग के दौरान 3 हाइब्रिड आतंकी पकड़े, भारी मात्रा में हथियार बरामद

Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में रविवार को सुरक्षाबलों को श्रीनगर में नाके पर गाड़ियों की चेकिंग के दौरान सेना के जवानों ने 3 हाइब्रिड आतंकियों को पकड़ा।

Krishna Chaudhary
Published on: 20 Nov 2022 3:00 PM IST (Updated on: 21 Nov 2022 9:17 AM IST)
Jammu Kashmir News
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वाहनों की चेकिंग के दौरान 3 हाइब्रिड आतंकी धराए। (Social Media)

Jammu Kashmir News: जम्मू कश्मीर में रविवार को सुरक्षाबलों को दूसरी बड़ी कामयाबी मिली है। राजधानी श्रीनगर में नाके पर गाड़ियों की चेकिंग के दौरान सेना के जवानों ने 3 हाइब्रिड आतंकियों को पकड़ा। आतंकियों की गाड़ी से भारी मात्रा में हथियार और गोला - बारूद बरामद हुआ है। जम्मू कश्मीर पुलिस ने तीनों लोकल आतंकियों को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक, आतंकियों के पास से 3 एके – 47 रायफल, दो पिस्टल, 9 मैगजीन और 200 राउंड बुलेट बरामद हुई है।

आज सुबह अनंतनाग जिले में एक आतंकी ढेर

इससे पहले रविवार सुबह साउथ कश्मीर के अनंतनाग जिले के बिजबेहरा के चेकी डूडू इलाके में आंतकियों के छिपे होने की सूचना पर सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। इस दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई। जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के इस संयुक्त अभियान में लश्कर का एक आतंकी सज्जाद तांत्रे मारा गया।

कौन होते हैं हाइब्रिड आतंकी

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय सेना की सख्ती के कारण पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ की अधिकतर कोशिशें नाकाम हो जा रही हैं। लिहाजा पाक समर्थित आतंकी संगठनों ने घाटी में दहशत फैलाने के लिए एक नया रास्ता अख्तियार कर लिया है। घाटी में आंतकी वारदातों को अंजाम देने का जिम्मा अब हाइब्रिड आतंकियों को सौंप दिया गया है। हाइब्रिड आतंकी और कोई नहीं बल्कि जम्मू कश्मीर के स्थानीय युवा होते हैं। जिनका पुलिस में किसी तरह का क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होता।

इस तरह के स्थानीय युवा पिस्टल लेकर आते हैं और हमला करके फरार हो जाते हैं। ये वापस समाज में सामान्य जीवन जीने लगते हैं। किसी तरह का क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं होने के कारण इन पर किसी को शक भी नहीं होता। हाल के दिनों में अधिकतर टारगेटेड किलिंग की घटनाओं में ऐसे ही आतंकी शामिल रहे हैं।

ऐसे आतंकियों की भर्ती और ट्रेनिंग दोनों ऑनलाइन होती है। ट्रेनिंग पूरा होने के बाद आतंकी संगठन ने इन्हें हमले को अंजाम देने भेजते हैं। ये आतंकी हमलों को अंजाम देने के दौरान बड़े हथियारों की बजाय छोटे हथियारों का इस्तेमाल करते हैं। घाटी में ऐसे आतंकियों की संख्या कितनी है, इसका वास्तिविक अंदाजा लगाना मुश्किल है। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में हाइब्रिड आतंकी सुरक्षाबलों और सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक नई चुनौती बनकर उभरे हैं।



Deepak Kumar

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