×

j&k में पत्थरबाजों को PAK कर रहा कैशलेस फंडिंग, अर्थशास्त्र के पुराने नियमों का हो रहा प्रयोग

aman
By aman
Published on: 16 April 2017 7:39 AM GMT
j&k में पत्थरबाजों को PAK कर रहा कैशलेस फंडिंग, अर्थशास्त्र के पुराने नियमों का हो रहा प्रयोग
X

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में हिंसा की आग को सुलगाए रखने के लिए पाकिस्तान की फंडिंग जारी है। एक न्यूज़ चैनल ने अपने स्टिंग में ये खुलासा किया है। स्टिंग में ये खुलासा हुआ है कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई पत्थरबाजों तक पैसा पहुंचाने के लिए अर्थशास्त्र के पुराने नियमों का इस्तेमाल कर रही है।

इस स्टिंग में पता चला है कि पाकिस्तान कश्मीर के पत्थरबाजों को 'कैशलेस फंडिंग' कर रहा। न्यूज चैनल ने खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि पाक इन पत्थरबाजों को पैसा देने के लिए उसी वस्तु विनिमय प्रणाली का सहारा ले रहा है, जिसके जरिए लोग पहले व्यापार करते थे। वस्तु विनिमय प्रणाली में लोग एक सामान के बदले उसी कीमत की दूसरी सामान को लेते-देते हैं। कई ट्रक अकसर पाक अधिकृत कश्मीर यानि पीओके के मुजफ्फराबाद से श्रीनगर सामान लेकर आते-जाते हैं। इन्हीं ट्रकों पर लदे सामान के जरिए पाकिस्तान कश्मीर के पत्थरबाजों को पैसा देता है।

आगे की स्लाइड में पढ़ें कैसे बार्टर सिस्टम का इस्तेमाल ...

इसे ऐसे समझें:

इसे इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि जैसे- मुजफ्फराबाद से आने वाली ट्रक पर 10 लाख का सामान लदा है। जब ये वापस श्रीनगर से मुजफ्फराबाद लौटेगा तो उस पर सामान 4 लाख का होगा। इस तरह बाकी बचा 6 लाख श्रीनगर में पत्थरबाजों तक पहुंच जाएगा।

2008 में शुरू हुआ था बार्टर सिस्टम

दरअसल, पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर के साथ अक्टूबर 2008 से बार्टर सिस्टम (वस्तु विनिमय) से 21 सामानों का कारोबार होता है। कारोबार का ये रास्ता दोनों देशों के बीच आपसी भरोसा बढ़ाने के लिए किया गया था, लेकिन पाक में बैठे आतंक के सरगना इसका इस्तेमाल कश्मीर को सुलगाने के लिए कर रहे हैं।

इस साल अब तक पहुंचाए 10 करोड़

न्यूज चैनल की खबर की मानें तो इस तरीके से अब तक गड़बड़ी फैलाने वालों को 75 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसमें 10 करोड़ रुपए सिर्फ इस साल कश्मीर पहुंचाए गए हैं।

एनआईए कर रही है जांच

पत्थरबाजों को पाकिस्तानी फंडिंग का खुलासा पिछले साल हुआ था। एनआईए इस मामले में 3 दर्जन से ज्यादा ट्रेडिंग कंपनियों के खातों की जांच कर रही है। इस सिलसिले में कई लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि बार्टर सिस्टम के जरिए इस कारोबार को बंद करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story