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Jammu Kashmir: बैंककर्मी की हत्या करने वाला आतंकी संगठन आया सामने, और हमले करने की दी चेतावनी
Jammu Kashmir: गुरूवार को राजस्थान के रहने वाले एक बैंक मैनेजर की हत्या उस समय आतंकियों ने कर दी, जब वह बैंक में काम कर रहा था। इस खौफनाक वारदात की जिम्मेदारी आंतकी संगठन KFF ने ली है।
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में टारगेट किलिंग(Target Killing in Jammu) का सिलसिला जारी है। आतंकी बेखौफ होकर ऐसे वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। गुरूवार को राजस्थान के रहने वाले एक बैंक मैनेजर की हत्या उस समय आतंकियों ने कर दी, जब वह बैंक में काम कर रहा था। इस खौफनाक वारदात की जिम्मेदारी आंतकी संगठन (terrorist organization) कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने ली है। आंतकी संगठन ने एक पत्र जारी कर ऐसे हमले और करने की चेतावनी दी है।
पत्र में बाहरी लोगों को धमकाया
आंतकी संगठन कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने एक खुला खत जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली है। खत में कहा गया कि कुलगाम में हमारे कैडर ने खुफिया जानकारी के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया है, इसमें बैंक कर्मी विजय कुमार की मौत हो गई। कश्मीर के डेमोग्राफिक बदलाव में जो भी शामिल होगा, उसके साथ यही अंजाम होगा।
खत में आगे लिखा है, जो भी बाहरी लोग इस धोखे में रह रहे हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार उन्हें यहां स्थायी कर देगी, उनके लिए ये आंख खोलने वाला है। अब बाहरी लोगों को वास्तिवकता समझ लेनी चाहिए कि उन्हें इसके लिए भी जान गंवानी पड़ेगी। सोचिए, कहीं देर न हो जाए और अगली बारी तुम्हारी हो।
महीने भर में 6 टारगेट किलिंग
जम्मू कश्मीर में एक माह में 6 टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। 12 मई को बडगाम में सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट, 13 मई को पुलवामा में पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठाकरो, 24 मई को कांस्टेबल सैफुल्लाह कादरी, 25 मई को टीवी कलाकार अमरीन भट्ट और 31 मई को कुलगाम में शिक्षिका रजनी बाला की हत्या आंतकियों ने कर दी।
धारा 370 हटने के बाद निशाने पर हिंदू
मोदी सरकार अपने कोर एजेंडों में शामिल जम्मू कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति को बड़ी सफलता मानती है। लेकिन हकीकत ये है कि केंद्र के इस फैसले के बाद घाटी में रह रहे अल्पसंख्यक हिंदू पर नई आफत आ गई है।
केंद्र सरकार के इस फैसले से बौखलाए आतंकी संगठन अब चुन चुन कर यहां रह रहे हिंदुओं को निशाना बना रहे हैं, जिससे एकबार फिर घाटी में खौफ का वही दौर देखा जाने लगा है, जो 1990 के दशक में था।
संसद में गृह मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, अगस्त 2019 से मार्च 2022 तक 4 कश्मीरी पंडितों और 14 /हिन्दू और गैर-कश्मीरी मजदूरों की हत्या हो चुकी है। बता दें कि पांच अगस्त 2019 को ही मोदी सरकार ने धारा 370 को हटाया था।
अमित शाह कल करेंगे उच्चस्तरीय बैठक
कश्मीरी पंडितों को लेकर शुरू से राजनीति करते आ रही बीजेपी लगातार वहां हो रही उनकी हत्याओं को लेकर बैकफुट पर है। घाटी में बीते 19 दिनों से कश्मीरी पंडितों का आंदोलन चल रहा है। कश्मीर में बिगड़ते हालात को देखते हुए कल यानि 3 जून 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह केंद्र शासित प्रदेश की स्थिति की समीक्षा करने के लिए दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक करेंगे।
इसमें जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और एनएसए अजीत डोभाल भी शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा और आतंकियों पर नए सिरे से कार्रवाई को लेकर बड़ा फैसला लिया सकता है।