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Jammu-Kashmir: पारगल में सेना कैम्प पर आत्मघाती हमला, दो आतंकी मारे गए, तीन जवान शहीद
Jammu-Kashmir Terrorist Attack: जम्मू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुकेश सिंह ने बताया है कि राजौरी के दारहाल इलाके के पारगल में सेना के कैंप में घुसने का प्रयास हुआ है।
Jammu-Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर के परगल इलाके में एक मुठभेड़ में सुरक्षा बलों द्वारा दो आतंकवादियों को मार गिराने के बाद बुधवार को राजौरी में भारतीय सेना के शिविर पर एक कायरतापूर्ण आत्मघाती हमले को नाकाम कर दिया गया। इस मुठभेड़ में सेना के तीन जवानों के शहीद होने की खबर है।
11 राजस्थान राइफल्स के अनुसार, दो आतंकवादियों को परगल में सेना के शिविर की बाड़ को पार करते हुए देखा गया, जो दारहल पुलिस स्टेशन से लगभग 6 किमी दूर स्थित है। घुसपैठ की कोशिश के खिलाफ इलाके में तैनात जवानों ने जवाबी कार्रवाई की और आतंकियों से मुठभेड़ शुरू हो गई।
बताया गया है कि ड्यूटी पर तैनात सैनिक को घुसपैठियों ने चुनौती दी, जिसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी हुई। स्थान के लिए अतिरिक्त दलों को भेजा गया और गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गए। मुठभेड़ में सेना के पांच जवान घायल हो गए, जबकि तीन ने दम तोड़ दिया। सेना ने पुष्टि की है कि मुठभेड़ में तीन जवान शहीद हो गए और तलाशी अभियान जारी है।
खुफिया एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि यह संभवत: सुरक्षा बलों पर फिदायीन (आत्मघाती) हमला था। दारहल में भारतीय सेना का यह परगल कैंप वही स्थान है जहां भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को 'हर घर तिरंगा' कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
हाई अलर्ट जारी
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हाई अलर्ट के मद्देनजर कि जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा से कुछ घुसपैठ हो सकती है ताकि आगामी स्वतंत्रता दिवस के समारोह को बाधित किया जा सके, सुरक्षा बल मध्यरात्रि में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चला रहे हैं।
उरी हमले जैसी साजिश
इस हमले को उरी हमले जैसी साजिश बताय जा रहा है। उरी हमला 18 सितंबर 2016 को हुआ था। इस हमले में जम्मू-कश्मीर के उरी कैंप में सुबह 5.30 बजे जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकवादियों ने भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वॉटर्स पर हमला कर दिया था। जिसमें सेना के 19 जवान शहीद और कई जवान घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने 3 मिनट में 17 हैंड ग्रेनेड फेंके थे। उसके बाद आतंकवादियों के साथ सेना की 6 घंटे तक चली मुठभेड़ में चारों आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया गया था।