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Jamtara Cyber ​​Crime : पांच अपराधियों को मनी लॉन्ड्रिंग में पांच-पांच साल की सज़ा

Jamtara Cyber ​​Crime : लोगों को फोन पर धोखा देकर लूटने वाले कुख्यात "जामताड़ा साइबर क्राइम मॉड्यूल" के पांच अपराधियों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है।

Neel Mani Lal
Published on: 29 July 2024 6:48 PM IST
Jamtara Cyber ​​Crime : पांच अपराधियों को मनी लॉन्ड्रिंग में पांच-पांच साल की सज़ा
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Jamtara Cyber ​​Crime : लोगों को फोन पर धोखा देकर लूटने वाले कुख्यात "जामताड़ा साइबर क्राइम मॉड्यूल" के पांच अपराधियों को पांच-पांच साल जेल की सजा सुनाई है। रांची की एक विशेष पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) अदालत ने जामताड़ा के इन पांच निवासियों को संगठित साइबर अपराध सिंडिकेट चलाने के लिए दोषी ठहराया है। इसके अलावा कोर्ट ने पांचों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

2020 में नेटफ्लिक्स पर आई "जामताड़ा" नामक सीरीज़ के बारे में कहा जाता है कि यह इस जिले के कुछ अपराधियों द्वारा शुरू की गई फ़िशिंग फ़ोन कॉल और बैंक खाता घोटाले की वास्तविक जीवन की घटनाओं पर आधारित है। कई वर्षों तक जामताड़ा को 'साइबर अपराध की राजधानी' का नाम दिया गया। हालांकि बाद में नूह (हरियाणा) भी इसी में कुख्यात हो गया।

मनी लॉन्ड्रिंग केस

पीएमएलए के तहत दोषी ठहराए गए लोगों में गणेश मंडल (51), उसका पुत्र प्रदीप कुमार मंडल (30), संतोष मंडल (51) और उसका पुत्र पिंटू मंडल (33) और अंकुश कुमार मंडल (27) शामिल हैं। सभी पांच अपराधी जामताड़ा जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के मिरगा गांव के निवासी हैं। मई 2019 में पांचों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। ईडी ने झारखंड पुलिस की एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद इन साइबर अपराधियों के खिलाफ पीएमएलए के तहत आपराधिक आरोप लगाए, जिसमें उन पर बैंक अधिकारी होने की आड़ में भोले-भाले लोगों के एटीएम/बैंक खातों से अवैध निकासी और पैसा निकालने का आरोप लगाया गया था। ईडी ने कहा था कि उसकी जांच में पाया गया कि आरोपियों ने अन्य व्यक्तियों के साथ मिलीभगत करके बैंक ग्राहकों, कुछ अन्य व्यक्तियों को धोखा देकर अपने बैंक खातों और परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में पैसा ट्रांसफर किया और इसे घरों के निर्माण और वाहनों की खरीद में खर्च किया।

क्या था धंधा

इस गोरखधंधे का सरगना प्रदीप मंडल अपने छोटे से गांव मिरगा में बैठकर लोगों के बैंक खाते से पैसे उड़ा लेता था। इस खेल में उसका पूरा परिवार शामिल था। देखते-देखते नजदीकी गांवों के कई युवा अपराध के इस मैदान में उतर आए। शायद ही देश के किसी जिले की पुलिस ने यहां दबिश ना दी हो। ईडी ने जब इनके बैंक खातों की जांच की, तो अधिकारियों के होश उड़ गए। दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई अन्य राज्यों में इन अपराधियों ने पैसे रखे हुए थे। इन लोगों ने ठगी की राशि को इधर-उधर करने के लिए 33 ई-वॉलेटों का उपयोग किया था। इनमें से कई को बाद में गृह मंत्रालय ने ब्लैक लिस्ट कर दिया। इस मामले में ईडी द्वारा 85 लाख रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गई है।

राज्य की राजधानी रांची से लगभग 210 किलोमीटर दूर स्थित जामताड़ा में 2021 में साइबर अपराध के 76 मामले दर्ज किए गए और 187 जालसाजों को गिरफ्तार किया गया। 2022 के दौरान साइबर अपराध के मामलों में 72 से अधिक मामले दर्ज किए गए और 97 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।

सख्त सजा का प्रावधान नहीं

प्रदीप मंडल और उसके साथियों को सजा तो मिली है, लेकिन यह बहस भी तेज हो गई है कि लोगों की गाढ़ी कमाई उड़ाने वाले इन अपराधियों के लिए क्या इतनी सजा पर्याप्त है? दरअसल, साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में फिलहाल अधिकतम सात साल तक की सजा का ही प्रावधान है। साइबर अपराधियों के लिए कानून में सख्त सजा का प्रावधान नहीं है। इसी मामले में ही चार अपराधी जमानत पर थे, एक किसी अन्य मामले में देवघर जेल में है।

मुजरिम को इन मामलों में जमानत मिल जाती है इसलिए उनमें खौफ नहीं रहता है। प्रदीप मंडल ने तो बैंक अधिकारी बनकर केवाईसी अपडेट करने या अकाउंट की समस्या को लेकर अपने खेल की शुरुआत की थी। अब तो मामला बिजली कनेक्शन काटने, सेक्सटॉर्शन और डिजिटल अरेस्ट होते हुए वाहनों के फर्जी जुर्माने व गेमिंग ऐप के जरिए ठगी तक पहुंच गया है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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