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Janmashtami 2024: 'नंद के आनंद भयो', देश में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम, इस मुहूर्त में करें पूजा
Janmashtami 2024: आज यानी 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12.01 बजे से 12.45 तक ही रहेगा। इसी 45 मिनट में पूजा करने पर विशेष लाभ मिल सकेगा।
Janmashtami 2024: देश भर में आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम है। लोग सुबह से कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए लाइनों में खड़े हैं। मथुरा सहित देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली समेत तमाम राज्यों में मंदिरों को सजाया गया है। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्री कृष्ण के जन्म के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह भगवान का 5251वां जन्मदिन है। इसी दिन कंस के कारागार में भगवान ने जन्म लिया था। उनके पिता वासुदेव रात में ही उन्हें गोकुल छोड़ आए थे। आज भगवान कृष्ण के बालरूप की पूजा की जाती है।
इस मुहूर्त में करें पूजा
शुभ मुहूर्त में पूजा करने का विशेष फल मिलता है। आज कृष्ण जन्माष्टमी पर भी शुभ मुहूर्त में ही पूजा संपन्न करनी चाहिए। वैदिक पंचांग के अनुसार, भाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी की शुरुआत रविवार, 25 अगस्त 2024 को शाम 06.09 मिनट पर शुरू हो गई है। यह आज सोमवार 26 अगस्त 2024 को शाम 04.49 मिनट तक रहेगी। इस साल जन्माष्टमी पर चंद्रमा के वृषभ राशि में होने से जयंती योग का निर्माण हो रहा है। इस दौरान पूजा करना शुभ माना जाता है। आज यानी 26 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त देर रात 12.01 बजे से 12.45 तक ही रहेगा। इसी 45 मिनट में पूजा करने पर विशेष लाभ मिल सकेगा।
जन्माष्टमी पूजा सामग्री (Janmashtami Puja Samagri)
नियमों के अनुसार पूजा करने के लिए सारी सामग्री का होना भी जरूरी है। कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा करने के लिए कुछ चीजें आवश्यक है। इनमें लाल या पीला कपड़ा, पूजा की थाली, रुई, दीपक, तेल, अगरबत्ती, कपूर और धूप, फूल, गेंदे का फूल, तुलसी दल, केले के पत्ते, सुपारी, पान के पत्ते, गुलाब के फूल, मिठाई में लड्डू और पेड़ा, फल, दही, मक्खन, मिश्री, पंचमेवा, दही, पंजीरी, पंचामृत यानी दही, दूध, घी, शहद और चीनी का मिश्रण, गंगाजल, इत्र की शीशी, चंदन, कुमकुम अक्षत और शुद्ध जल, लड्डू गोपाल के लिए श्रृंगार का के लिए बांसुरी, कुंडल, पगड़ी, कड़े, माला, टीका, कमरबंध, काजल, मोर पंख आदि, कान्हा जी के लिए झूला और मोरपंख सहित अन्य सामग्री के साथ ही पूजा पूरी की जा सकती है।