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जन्‍माष्‍टमी विशेष: इस बार बन रहा है वही योग जिसमें हुआ था कान्हा का जन्म

Anoop Ojha
Published on: 31 Aug 2018 5:16 AM GMT
जन्‍माष्‍टमी विशेष: इस बार बन रहा है वही योग जिसमें हुआ था कान्हा का जन्म
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लखनऊ: इसे संयोग नहीं और तो और क्या कहा जाय। इस बार कान्हा के जन्म पर वही संयोग बन रहा है, जैसा द्वापर युग में कान्हा के धरती पर जन्म लेने के समय बना था। श्री कृष्ण जयंती योग के नाम से इस संयोग को जाना जाता है। इस बार कई सालों के बाद वैसा ही संयोग कृष्ण जन्माष्टमी पर बन रहा है।

ऐसे बनता है कृष्ण जयंती योग

8 बज कर 48 मिनट पर रविवार 2 सितंबर को अष्टमी तिथि लग रही है। निर्णय सिंधु नामक ग्रंथ कि माने तो कृष्ण जयंती का संयोग भादपद्र के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि में आधी रात यानी बारह बजे रोहिणी नक्षत्र हो और सूर्य सिंह राशि में और चंद्रमा वृष राशि में हो तब ये बनता है।

रोहिणी नक्षत्र

रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है। इस नक्षत्र में तारों की संख्या पाँच है। यह नक्षत्र फरवरी के मध्य भाग में मध्याकाश में पश्चिम दिशा की तरफ रात को 6 से 9 बजे के बीच दिखाई देता है। यह कृत्तिका नक्षत्र के पूर्व में दक्षिण भाग में दिखता है।किसी भी वर्ष की 26 मई से 8 जून तक के 14 दिनों में इस नक्षत्र से सूर्य गुजरता है। इस प्रकार रोहिणी के प्रत्येक चरण में सूर्य लगभग साढ़े तीन दिन रहता है।इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है।पुराण कथा के अनुसार रोहिणी चंद्र की सत्ताईस पत्नियों में सबसे सुंदर, तेजस्वी, सुंदर वस्त्र धारण करने वाली है। ज्यों-ज्यों चंद्र रोहिणी के पास जाता है, त्यों-त्यों उसका रूप अधिक खिल उठता है।

जन्‍माष्‍टमी 2018 की तिथि और शुभ मुहूर्त

इस बार अष्टमी 2 सितंबर रात 08:47 पर लगेगी और 3 सितंबर की शाम 07:20 पर खत्म हो जाएगी.

अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 रात 08.47

अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 3 सितंबर 2018 शाम 07.20

रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ: 2 सितंबर 2018 रात 8 बजकर 48 मिनट.

रोहिणी नक्षत्र समाप्‍त: 3 सितंबर 2018 रात 8 बजकर 5 मिनट.

श्रीकृष्ण जन्‍माष्‍टमी 2018 व्रत का पारण: 3 सितंबर की रात 8 बजकर 05 मिनट के बाद।

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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