क्या जयललिता हुई साजिश का शिकार, इन कारणों से शशिकला शक के घेरे में !

Rishi
Published on: 9 Dec 2016 7:56 PM GMT
क्या जयललिता हुई साजिश का शिकार, इन कारणों से शशिकला शक के घेरे में !
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नई दिल्ली : तमिलनाडु की सीएम जयललिता की मौत, उनका फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में आना और सीएम की कुर्सी पर काबिज होना किसी साऊथ मसाला फिल्म की स्टोरी सरीखा लगता है। पूर्व सीएम की मौत के बाद अब ये सवाल गहराता जा रहा है कि आखिर उनकी मौत हुई तो हुई कैसे। इस स्टोरी में जया के बाद जो सबसे ताकतवर किरदार हमारी नजरों के सामने आता है। वो है उनकी सहयोगी शशिकला का। ये वही शशिकला है जिनको अम्मा ने कुछ समय पहले न सिर्फ अपने से दूर कर दिया था बल्कि सभी रिश्ते तोड़ लिए थे। जब जयललिता के शव को सार्वजनिक दर्शन के लिए रखा गया तो उसके आसपास शशिकला और उनके परिवार के 18 सदस्य नजर आते रहे। जबकि जया ने जीते जी शशिकला को छोड़ उनके परिवार के सदस्यों को अपने आसपास फटकने भी नहीं दिया था। अब सवाल ये उठता है कि ये सभी वहां कर क्या रहे थे।

पार्टी के हमारे सूत्रों के मुताबिक शशिकला ये सब कर के कार्यकर्ताओं और नेताओं को ये जताने की कोशिश कर रही थीं की अम्मा के बाद वही सुप्रीमो हैं। पार्टी के अंदर शशिकला को लेकर एक राय नहीं है। पार्टी के बड़े नेता जल्द ही अम्मा की वसीयत सार्वजनिक किए जाने की मांग करने वाले हैं ताकि यह पता चल सके की आखिर वो क्या चाहती थीं। तमिलनाडु में एक तबका ऐसा भी है जो जयललिता की मौत को हत्या मानता है और उसे शक ही नहीं यकीन है की इसक पीछे किसी अपने का हाथ है। ये सभी बहुत जल्द इसकी जाँच की मांग भी करने वाले हैं।

जैसा की सभी को पता ही है, कि 5 दिंसबर को अम्मा का निधन हुआ था। उनके एडमिट होने से लेकर निधन तक शशिकला ने यही प्रयास किया की कोई भी उनसे मिल न सके और हुआ भी ऐसा ही। यह बात भी सामने आई है, की शशिकला ने जया की मौत की खबर को भी दबा के रखा ताकि पन्‍नीरसेल्‍वम मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकें। पन्‍नीरसेल्‍वम कहने को तो जयललिता के वफादार है लेकिन उनको अम्मा के करीब शशिकला ही लाइ ।ऐसे में उनकी वफादारी किधर होगी ये सहज ही समझ आता है।

कहा जा रहा है कि शशिकला ने जब से अम्मा से निकटता बनाई उनका अपना परिवार उनसे दूर हो गया। जया की भतीजी ने उनसे कई बार मिलने का प्रयास किया लेकिन वो सफल न हो सकी। एक बार तो वो अपने पति के साथ अम्मा के घर के बाहर 2 घंटे तक खड़ी भी रही लेकिन मिल न सकी। जयललिता ने जब शशिकला के भतीजे सुधाकरन को गोद लिया तब भी पार्टी और उनके अपने परिवार के लोग सकते में आ गए थे लेकिन उनके सामने किसी ने भी कुछ नहीं कहा। सितंबर 1995 में सुधाकरन की शादी में जयललिता ने जिस हिसाब से पैसे खर्च किये उसे दुनिया भर की मीडिया ने कवर किया था।

जयललिता पर घोटालों के जितने भी आरोप लगे उसमें शशिकला भी शामिल रही। दबी जुबान में पार्टी के नेता कहते हैं कि अम्मा ने तो कुछ किया ही नहीं जो कुछ भी किया वो शशिकला ने ही किया था अम्मा तो विश्वास में हाँ करती रही हमेशा। वर्ष 1996 में दोनों पर 3.78 एकड़ सरकारी जमीन को औने-पौने दाम पर जया पब्लिकेशन और शशि एंटरप्राइज द्वारा खरीदे जाने का आरोप लगा। ये भी शशिकला की साजिश थी। इस मामले में अम्मा जेल भी गयी लेकिन उनके विश्वास पर कोई असर नहीं पड़ा। बहरहाल जया 2003 में इस मामले से बरी हो चुकी थी। लेकिन अब अम्मा ने शशिकला से कुछ दूरी बना ली थी वो प्रयास करती की दोनों का आमना सामना कम ही हो।

19 दिसंबर 2011 को अम्मा ने न सिर्फ शशिकला बल्कि उसके 12 रिश्तेदारों को पार्टी से निकाल दिया। शशिकला पर आरोप था कि उसने अपने पति नटराजन को सीएम बनाने के लिए जयललिता को धीमा जहर देकर मारने की कोशिश की है। लेकिन इस बीच कुछ ऐसा हुआ की लगभग 100 दिन बाद ही शशिकला जया के पास लौट आयीं। पार्टी के नेता इसे अम्मा की बड़ी गलती मानते हैं उनका कहना है की अम्मा को ऐसा नहीं करना चाहिए था। हाँ इतना अवश्य हुआ की शशिकला के परिजन अब भी पार्टी और सरकार से दूर थे,जयललिता ने उन्हें अपने पास नहीं आने दिया जबकि शशिकला ने काफी प्रयास किये। लेकिन जयललिता की मौत के बाद वही सारे लोग शशिकला के साथ नजर आ रहे हैं।

इन सभी की मौजूदगी पार्टी वर्करों और जयललिता के परिवार को अखर रही है। एक फिल्म अभिनेत्री ने तो पीएम मोदी को जयललिता की मौत की जाँच कराने के लिए चिट्ठी भी लिखी है।

क्या मांग है गौतमी की :

अभिनेत्री गौतमी तड़ीमाला ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख अम्मा के इलाज और मौत से जुड़े अनसुलझे सवालों के जवाब तलाशने की मांग की है।

गौतमी ने लिखा, ''हर व्‍यक्ति को अपने चुने हुए नेता के बारे में जानने का हक है। ऐसे में तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री और बेहद लोकप्रिय नेता के मामले में गोपनीयता क्‍यों बरती गई?

किसके कहने पर उन तक पहुंचने पर पाबंदी लगाई गई? जब जयललिता की हालत इस कदर नाजुक थी तो उनके इलाज और देखभाल के संबंध में निर्णय लेने वाले कौन लोग थे?

जनता के इन सवालों का जवाब देने के लिए कौन जवाबदेह है?

इस तरह के ज्‍वलंत सवाल तमिलनाडु की जनता पूछ रही है और उनकी आवाज को मैं आप तक पहुंचा रही हूं।

उन्होंने लिखा उनका निधन पिछले महीनों की परिस्थितियों के मद्देनजर बेहद त्रासद और व्‍यथित करने वाला है और उनके इलाज, धीरे-धीरे स्‍वस्‍थ होने की रिपोर्टों और उसके बाद एकदम से निधन ने अनेक अनसुलझे सवालों को पैदा किया है।

आप यहाँ पढ़ सकते हैं गौतमी की चिट्ठी :

https://gautamitadimalla.wordpress.com/2016/12/08/tragedy-and-unanswered-questions/

वो सवाल जो मांग रहे हैं जवाब !

-जब अम्मा को बुखार था तो उन्हें हार्ट एंड कार्डिएक डिसऑर्डर यूनिट में क्यों रखा गया।

-अपोलो के डॉक्टर कहते आ रहे थे कि जया की तबियत में सुधार हो रहा है। तो फिर उनकी तबियत कैसे इतनी बिगड़ गई की उनकी मौत हो गयी।

-75 दिन तक एडमिट रहने के बाद भी इलाज के दौरान उनकी कोई तस्वीर सामने क्यों नहीं आई।

-मंत्री, विधायकों को भी उनसे इस दौरान क्यों नहीं मिलने दिया गया।

-वो कौन लोग थे जिनके कहने पर अम्मा से मिलने पर रोक लगाई गयी।

-जया की मौत के समय को लेकर इतना विरोधाभास क्यों है।

-पन्‍नीरसेल्‍वम की ताजपोशी में इतनी जल्दबाजी क्यों की गयी।

-किसके कहने पर शपथ समारोह की पहले से ही तैयारी की गयी।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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