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एक थी जयललिता: अपोलो हॉस्पिटल और स्वास्थ्य सचिव ने साजिश रची
तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे. जयललिता की मौत की जांच कर रहे पैनल के वकील ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और अपोलो हॉस्पिटल पर जया के इलाज में साजिश रचने का आरोप लगाया है। वकील मोहम्मद जफरउल्लाह खान ने पूर्व चीफ सेक्रटरी रामा मोहन राव पर गलत सबूत पेश करने के आरोप लगाए हैं।
चेन्नई : तमिलनाडु की पूर्व सीएम जे. जयललिता की मौत की जांच कर रहे पैनल के वकील ने तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और अपोलो हॉस्पिटल पर जया के इलाज में साजिश रचने का आरोप लगाया है। वकील मोहम्मद जफरउल्लाह खान ने पूर्व चीफ सेक्रटरी रामा मोहन राव पर गलत सबूत पेश करने के आरोप लगाए हैं।
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जफरउल्लाह ने कार्डियोथोरेसिक सर्जन के बयान की एक लाइन को अपना आधार बनाया और ये निष्कर्ष निकाला कि हॉस्पिटल में पूर्व सीएम का इलाज ठीक से नहीं हुआ था।
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वहीं डॉक्टर ने ऐतराज जताते हुए कहा, उसका बयान 29 नवंबर को गलत तरह से दर्ज किया गया। जबकि अपोलो ने अपने जवाब में सभी आरोपों को नकार दिया है।
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क्या है आरोप
वकील जफरउल्लाह ने रिटायर्ड जस्टिस ए अरुमुगास्वामी आयोग के सामने याचिका दायर करते हुए कहा कि राधाकृष्णन को जयललिता की गंभीर बीमारियों और अपोलो के इलाज की जानकारी थी फिर भी उन्होंने किसी भी कैबिनेट मंत्री को कोई रिपोर्ट नहीं भेजी। स्वास्थ्य सचिव हॉस्पिटल के प्रवक्ता की तरह बर्ताव कर रहे थे। राव ने अपने बयान में कहा है कि उन्होंने सरकार को जयललिता के इलाज के बारे में जानकारी दे दी थी, जबकि मौजूदा चीफ सेक्रटरी का कहना है कि राव की ओर से ऐसा कोई लेटर नहीं मिला था।
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इसके साथ ही जफरउल्लाह ने आयोग से राधाकृष्णन और राव को नोटिस जारी करने का आग्रह करते हुए कहा है कि उन्हें कमिशन ऑफ इन्क्वॉयरी ऐक्ट, 1952 की धारा 5 और 8 बी के तहत जवाब देने के लिए पेश किया जाना चाहिए।
आपको बता दें, जयललिता की करीबी वीके शशिकला व अपोलो हॉस्पिटल को अरुमुगास्वामी आयोग की ओर से सेक्शन 5 और 8बी के तहत नोटिस भेजा गया है।