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Jeera Price High: जीरा इतना महंगा मानो बन गया हीरा!

Jeera Price High: जीरे में आग पिछले कोई आठ महीनों में लगी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 जून को गुजरात के मेहसाणा जिले के उंझा की कृषि उपज मंडी में इसकी कीमत 50,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई।

Neel Mani Lal
Published on: 23 Jun 2023 8:30 AM GMT
Jeera Price High: जीरा इतना महंगा मानो बन गया हीरा!
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Jeera Price High (photo: social media )

Jeera Price High: हमारी आपकी रसोई का एक सामान्य मसाला जीरा इन दिनों हॉट आइटम बना हुआ है। चंद महीनों में जीरे के दाम दोगुने से ज्यादा हो चुके हैं। चूंकि आलू प्याज के विपरीत, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर जीरे का असर नहीं पड़ता है, सो इसकी कीमतों को नियंत्रित करने में ज्यादा हस्तक्षेप की गुंजाइश कम ही है।।

जीरे में आग पिछले कोई आठ महीनों में लगी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 19 जून को गुजरात के मेहसाणा जिले के उंझा की कृषि उपज मंडी में इसकी कीमत 50,000 रुपये प्रति क्विंटल के पार पहुंच गई। अगले ही दिन ये 54,125 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। लखनऊ में 8 जून को जीरा फुटकर बाजार में 650 रुपए किलो था।

ये जान लीजिए कि 12 नवम्बर 2022 को गुजरात की उंझा मंडी में जीरे के दाम 20,000 रुपये क्विंटल थे।

डिमांड सप्लाई का चक्कर

बाजार के आढ़तिये जीरे की आग का कारण डिमांड और सप्लाई के असंतुलन को मानते हैं। जीरा का मार्केटिंग सीजन फरवरी के मध्य से शुरू होता है और मई में चरम पर होता है लेकिन इस बार सप्लाई, मांग की आधा बताई जाती है। इसी वजह से व्यापारियों ने माल कंट्रोल कर लिया है और नतीजतन बाजार में दाम आसमान पर चले गए हैं।

जीरे का उत्पादन

सरकारी अनुमान के अनुसार, भारत का जीरा उत्पादन 2019-20 में 9.12 लाख टन से गिरकर 2020-21 में 7.95 लाख टन और 2021-22 में 7.25 लाख टन हो गया है। व्यापारियों का मानना है कि 2022-23 की फसल का आकार थोड़ा कम होगा, जिसका मुख्य कारण इस बार मार्च की दूसरे हिस्से के दौरान बेमौसम बारिश है। जीरा अक्टूबर-नवंबर में बोया जाता है और फरवरी-मार्च में काटा जाता है।

वजहें और भी हैं

भारत का जीरा उत्पादन घरेलू बाज़ार के साथ-साथ निर्यात के लिए भी भेजा जाता है। 2022-23 के दौरान, जीरे का निर्यात 1.87 लाख टन 4,193.60 करोड़ रुपये मूल्य का हुआ, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 2.17 लाख टन (3,343.67 करोड़ रुपये) था। शीर्ष निर्यात स्थलों में चीन, बांग्लादेश, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की शामिल हैं।

चीन फैक्टर

जानकारों के अनुसार, चीन आक्रामक तरीके से भारतीय जीरे का आयात कर रहा है। पिछले तीन महीनों में ही चीन ने भारत से 25,000 से 30,000 टन जीरा आयात किया है। इस महीने के अंत में बकरीद त्योहार के कारण बांग्लादेश और पाकिस्तान से भी भारी मांग है। चूंकि जीरे की फसल अब अगले साल फरवरी के मध्य में ही बाजार में आएगी इसलिए सब व्यापारी खरीद करने में लग गए हैं।

ग्लोबल प्रोडक्शन

जीरे के विश्व उत्पादन का लगभग 70 फीसदी भारत में होता है। सीरिया, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ईरान जैसे अन्य देश शेष 30 फीसदी के हिस्सेदार हैं। उनमें से कई देश गृहयुद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पादन में व्यवधान का सामना कर रहे हैं। भारत में जीरा लगभग 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है। 2021-22 में कुल 7.25 लाख टन उत्पादन में से, दो राज्यों - गुजरात (4.20 लाख टन) और राजस्थान (3.03 लाख टन) की संयुक्त हिस्सेदारी 99.7 फीसदी थी।

Neel Mani Lal

Neel Mani Lal

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