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झारखंड: नए साल में केंद्र का तोहफा, लाइट हाउस प्रोजेक्ट का हुआ शुभारंभ

उन्होंने कहा कि, बदलते समय के साथ हाउसिंग सेक्टर में भी व्यापक बदलाव आया है। लिहाज़ा, दुनियाभर की नई तकनीकों को अपनाते हुए लाइट हाउस प्रोजेक्ट में इसका इस्तेमाल किया जाएगा।

Roshni Khan
Published on: 1 Jan 2021 10:33 AM GMT
झारखंड: नए साल में केंद्र का तोहफा, लाइट हाउस प्रोजेक्ट का हुआ शुभारंभ
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झारखंड: नए साल में केंद्र का तोहफा, लाइट हाउस प्रोजेक्ट का हुआ शुभारंभ (PC: social media)

रांची: केंद्र सरकार ने नए साल पर झारखंड को लाइट हाउस प्रोजेक्ट का तोहफा दिया है। इसके तहत राजधानी रांची में नई तकनीक से 1008 आवास का निर्माण कराया जाना है। आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए बनाए जाने वाले आवास में केंद्र, राज्य और लाभुक का अंशदान होगा। दिल्ली से ऑनलाइन शिलान्यास करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, हाउसिंग फॉर ऑल का सपना पूरा करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। मध्यम वर्ग को सस्ते मकान उपलब्ध हों इसके लिए केंद्र प्रयत्नशील है।

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उन्होंने कहा कि, बदलते समय के साथ हाउसिंग सेक्टर में भी व्यापक बदलाव आया है। लिहाज़ा, दुनियाभर की नई तकनीकों को अपनाते हुए लाइट हाउस प्रोजेक्ट में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान रांची से झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

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झारखंड ने केंद्र से की मांग

लाइट हाउस प्रोजेक्ट में केंद्र, राज्य और लाभुक का अंशदान होगा। इस परियोजना में प्रति आवास केंद्र सरकार के द्वारा 5.5 लाख रुपए, राज्य सरकार द्वारा 01 लाख रुपए और लाभुक के द्वारा 6.79 लाख रुपए का अंशदान करना है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के पिछड़ेपन का हवाला देते हुए लाभुक के अंशदान में कमी करने और केंद्र की ओर से मिलने वाले अंशदान में बढ़ोतरी करने की मांग की है। अपने संबोधन में हेमंत सोरेन ने कहा कि, वर्तमान में लाभुक की ओर से जो अंशदान दिया जाना है वो काफी ज्यादा है। लिहाज़ा, इसपर विचार किया जाना चाहिए।

मॉडल के रूप में रांची का चयन

लाइट हाउस परियोजना निर्माण के लिए रांची को देश के पांच शहरों पर वरीयता देते हुए मॉडल के रूप में चुना गया है। लखनऊ, राजकोट, अगरतला, इंदौर और चेन्नई के आगे रांची को वरीयता मिलना बड़ी बात मानी जा रही है। रांची में निर्मित होने वाले लाइट हाउस में प्रीकास्ट कंक्रीट कंस्ट्रक्शन सिस्टम-3डी प्रीकास्ट वॉल्यूमेट्रिक को अपनाया जा रहा है। यह देश में इस्तेमाल की जाने वाली नवीनतम तकनीकों में से एक है। झारखंड में इसे पहली बार अपनाया जा रहा है।

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लाइट हाउस में क्या कुछ होगा

315 वर्गफीट में बनने वाले लाइट हाउस में एक हॉल, एक बेडरूम, एक रसोई घर, एक बालकनी, एक बाथरूम और एक शौचालय होगा। साथ ही बिजली, पानी, पार्किंग, लिफ्ट, अग्निशमन और पार्क की भी व्यवस्था रहेगी। इस तकनीक से निर्मित होने वाले कमरे को बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में कारखानों में बनाया जाएगा। मल्टी स्टोरी टॉवर निर्माण के लिए एक के ऊपर एक ब्लॉक को रखा जाएगा।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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