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Jharkhand Election 2024:मरांडी की सीट पर भाजपा ने कर दिया बड़ा खेल,झामुमो की सियासी राह हुई मुश्किल

Jharkhand Election 2024: झामुमो ने कांग्रेस के साथ मिलकर इस सीट पर मरांडी को घेरने के लिए निजामुद्दीन अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है मगर भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव उनकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।

Anshuman Tiwari
Published on: 17 Nov 2024 10:37 AM IST (Updated on: 17 Nov 2024 12:18 PM IST)
Jharkhand Election 2024
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Jharkhand Election 2024 (PHOTO: SOICAL MEDIA )

Jharkhand Election 2024: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की धनवार विधानसभा सीट पर भाजपा ने बड़ा सियासी खेल कर दिया है। इस सियासी खेल में सबसे बड़ी भूमिका असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा के तेजतर्रार सांसद निशिकांत दुबे ने निभाई। इन दोनों नेताओं की मुहिम से भाजपा धनवार विधानसभा सीट पर पार्टी के बागी निर्दलीय प्रत्याशी निरंजन राय का समर्थन हासिल करने में कामयाब रही।

निरंजन राय को साथ लेकर दोनों नेता हेलिकॉप्टर से गृह मंत्री अमित शाह की डोरंडा में होने वाली रैली में पहुंच गए जहां पर उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। समाजसेवी और भाजपा के बागी निरंजन राय को इस चुनाव में मजबूत प्रत्याशी माना जा रहा था और उन्होंने मरांडी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। अब उनका समर्थन पाने के बाद भाजपा मजबूत स्थिति में दिख रही है जबकि झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रत्याशी निजामुद्दीन अंसारी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

धनवार सीट पर घिरे हुए हैं मरांडी

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार सीट से मौजूदा विधायक हैं और वे इसी सीट से फिर चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें भाकपा माले के पूर्व विधायक राजकुमार यादव और झामुमो प्रत्याशी निजामुद्दीन अंसारी से चुनौती मिल रही है। समाजसेवी निरंजन राय के चुनाव मैदान में उतर जाने से मरांडी के वोट कटने का खतरा पैदा हो गया था।

निरंजन राय के चुनाव लड़ने से भाजपा नेताओं की नींद उड़ी हुई थी। निरंजन राय को भाजपा नेताओं की ओर से पहले भी मनाने की कोशिश की गई थी मगर उस समय पार्टी नेताओं को कामयाबी नहीं मिल सकी थी। भाजपा नेता निरंजन राय को मनाने के लिए पहले भी उनके घर पर पहुंचे थे मगर निरंजन राय ने नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया था।

हिमंत और निशिकांत दुबे ने कर दिया खेल

शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह की चुनावी रैली से पहले भाजपा के बड़े नेताओं की ओर से इस दिशा में एक बार फिर ठोस प्रयास किया गया। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे निरंजन राय को मनाने के लिए उनके घर पर पहुंच गए।

भाजपा के दोनों नेताओं ने बंद कमरे में निरंजन राय के साथ काफी देर तक बातचीत की। इसके बाद निरंजन राय हिमंत और दुबे को छोड़ने हेलीपैड आए, जहां पर दुबे और सरमा ने निरंजन राय को अपने साथ बैठा लिया। निरंजन के बैठते ही हेलिकॉप्टर उड़ पड़ा।

दोनों नेता निरंजन राय को साथ लेकर डोरंडा में गृहमंत्री अमित शाह की रैली में पहुंच गए। रैली में शाह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने निरंजन राय का स्वागत किया। शाह ने उन्हें शाल भेंट करके उन्हें पार्टी में आने की बधाई दी। इसके बाद निरंजन राय ने भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल मरांडी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के थे और आगे भी भाजपा में ही बने रहेंगे।

पहले निरंजन राय को नहीं मना पाए थे भाजपा नेता

झारखंड में धनवार को प्रदेश की सबसे हॉट विधानसभा सीट माना जा रहा है क्योंकि यहां से बाबूलाल मरांडी खुद भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। मरांडी को झारखंड में मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। भाजपा के बागी निरंजन राय के मैदान में उतर जाने से मरांडी की सियासी राह मुश्किल हो गई थी। यही कारण था कि उनकी उम्मीदवारी से भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ़ गई थी।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अक्टूबर में भी निरंजन राय का नामांकन वापस कराने की भरपूर कोशिश की थी मगर वे अपने अभियान में सफल नहीं हो सके थे। वैसे इस बार असम के मुख्यमंत्री के साथ उन्हें अपने अभियान में कामयाबी मिल गई है। निरंजन राय ने अपने चुनावी हलफनामे में 137.36 करोड़ की संपत्ति होने की जानकारी दी है।

धनवार सीट का क्या है इतिहास

झारखंड राज्य बनने के बाद गिरिडीह जिले की धनवार सीट पर भाजपा और झारखंड विकास मोर्चा का कब्जा रहा है। 2000 और 2005 में इस सीट पर भाजपा के रवींद्र राय ने जीत हासिल की थी। 2009 में सीट पर झारखंड विकास मोर्चा के निजामुद्दीन अंसारी जीत हासिल करने में कामयाब रहे थे। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव को इस सीट पर कामयाबी मिली थी।

2019 में मरांडी को मिली थी जीत

2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के सिंबल पर बाबूलाल मरांडी ने इस सीट पर जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर दिया था और भाजपा ने मरांडी पर एक बार फिर दांव लगाया है।

झामुमो ने कांग्रेस के साथ मिलकर इस सीट पर मरांडी को घेरने के लिए निजामुद्दीन अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है मगर भाकपा माले के उम्मीदवार राजकुमार यादव उनकी मुश्किलें बढ़ा रहे हैं।

अब निरंजन राय का समर्थन हासिल करने के बाद बाबूलाल मरांडी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अन्नपूर्णा देवी ने इस विधानसभा क्षेत्र में करीब 44 हजार वोट की लीड हासिल की थी। इसलिए सियासी जानकारी अब मरांडी की चुनावी राह को आसान मान रहे हैं।



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Ragini Sinha

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