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Jharkhand Election 2024: CM हेमंत सोरेन की उम्र को लेकर विवाद, पांच साल में सात साल का हो गया इजाफा
Jharkhand Election 2024: साहिबगंज विधान जिले में स्थित बरहट विधानसभा सीट को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2014 से ही इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करते रहे हैं।
Jharkhand Election 2024: झारखंड के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर बरहेट विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट पर चुनाव जीता था। हालांकि इस बार उनकी उम्र को लेकर विवाद पैदा हो गया है। पांच साल के दौरान उनकी उम्र में सात साल का इजाफा हो गया है।
2019 के चुनाव में अपने हलफनामे में हेमंत सोरेन ने अपनी उम्र 42 साल बताई थी जबकि 2024 के नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे में उनकी उम्र 49 साल बताई गई है। इस तरह पांच साल के दौरान सोरेन की उम्र सात साल बढ़ने पर विवाद पैदा हो गया है और इसे लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं।
बरहेट विधानसभा सीट से लड़ रहे सोरेन
साहिबगंज विधान जिले में स्थित बरहट विधानसभा सीट को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 2014 से ही इस विधानसभा सीट पर जीत हासिल करते रहे हैं। 2019 में इस सीट पर चुनाव जीतने के बाद वे राज्य के मुख्यमंत्री बने थे। 2019 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। बरहेट के साथ ही वे दुमका सीट से भी प्रत्याशी थे। दोनों स्थानों पर उन्हें जीत हासिल हुई थी। बाद में उन्होंने दुमका सीट से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट से उनके अनुज बसंत सोरेन उपचुनाव में निर्वाचित हुए थे।
भाजपा ने मुख्यमंत्री सोरेन के खिलाफ गमालियल हेंब्रम को चुनाव मैदान में उतारा है। बरहेट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा आज तक जीत हासिल नहीं कर सकी है। वैसे हेंब्रम की युवाओं में लोकप्रियता के कारण भाजपा ने इस बार उन पर दांव लगाया है। बरहेट विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और इस सीट पर 20 नवंबर को वोटिंग होने वाली है।
गलत हलफनामे पर भाजपा ने उठाए सवाल
बरहेट में इस बार हेमंत सोरेन के नामांकन को लेकर विवाद पैदा हो गया है क्योंकि पांच वर्ष के दौरान उनकी उम्र सात वर्ष बढ़ गई है। भाजपा ने हेमंत सोरेन के गलत हलफनामे पर सवाल उठाए हैं। भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन हमेशा से यही करते रहे हैं। चुनाव आयोग को हमने इस गलती की जानकारी दी है। कम से कम हलफनामे को तो सही ढंग से दाखिल किया जाना चाहिए।
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इस मुद्दे को उठाया है। हालांकि उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन का नामांकन रद्द नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता उन्हें खुद हराने वाली है।
झामुमो ने किया जवाबी हमला
दूसरी ओर हेमंत की उम्र को लेकर विवाद पैदा होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा का बयान भी सामने आया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि उनकी पार्टी कोई भी तथ्य छिपाती नहीं है। सारे डॉक्यूमेंट्स दाखिल किए गए हैं। जिस समय डॉक्यूमेंट दाखिल किए गए,उस समय रिटर्निग अफसर चुप्पी साधे हुए थे अब भाजपा हार की आशंका को देखकर साजिश रचने में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग फर्जीवाड़ा करते रहे हैं,हम नहीं। उन्होंने कहा कि कई भाजपा नेता डॉक्यूमेंट में फर्जी डिग्री दाखिल करते हैं। हालांकि उन्होंने इस बात का सीधा जवाब नहीं दिया कि पांच साल के दौरान सात सोरेन की उम्र सात साल कैसे बढ़ गई।