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रेल परियोजनाओं के विकास पर ज़ोर, केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत

विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि, वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी।

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Published on: 25 Nov 2020 1:28 PM GMT
रेल परियोजनाओं के विकास पर ज़ोर, केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत
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रेल परियोजनाओं के विकास पर ज़ोर, केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 50-50 प्रतिशत (Photo by social media)

रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में भविष्य में रेल परियोजनाओं के निर्माण और उनपर होनेवाले खर्च पर सुझाव देने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति के प्रतिवेदन को मंजूरी दे दी है। इस समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में अति महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को केंद्र और राज्य सरकार 50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च के आधार पर निर्माण के लिए लिया जाएगा। राज्य के वैसे जिला मुख्यालयों जहां अभी तक रेल कनेक्टिवटी नहीं है, उसे रेलवे नेटवर्क से कनेक्ट करने, महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को ज्वाइंट वेंचर के तौर पर पर शुरू करने और राज्य के अंदर की रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना और उसके विकास में जेआरआईडीसीएल के द्वारा एंकर रोल निभाने के संदर्भ में समिति ने रिपोर्ट में सुझाव दिए हैं।

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50-50 प्रतिशत शेयरिंग खर्च

विकास आय़ुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा समर्पित प्रतिवेदन में कहा गया है कि, वैसी रेल परियोजनाएं जो राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, उसके निर्माण में होने वाले खर्च में केंद्र और राज्य सरकार की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। ऐसी रेल परियोजनाओं के निर्माण में होने वाले खर्च में राज्य सरकार की हिस्सेदारी बढ़ती है तो इसे रेलवे या ज्वाइंट वेंचर के जरिए बनाया जाएगा।

रेलवे कनेक्टिविटी को लेकर सुझाव

झारखंड के सिमडेगा, चतरा और खूंटी समेत वैसे जिला मुख्यालय जो रेलवे कनेक्टिवटी से नहीं जुड़े हैं, उसे रेल नेटवर्क से जोड़ने को लेकर भी समिति के प्रतिवेदन में सुझाव दिए गए हैं। इसके साथ राज्य के दूरस्थ इलाकों में रेल कनेक्टिविटी के लिए ली जाने वाली योजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी कम होगी, लेकिन ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों की पहचान में जेआरआईडीसीएल भूमिका निभाएगा।

jharkhand-govt jharkhand-govt (Photo by social media)

ज्वाइंट वेंचर मॉडल

वैसी रेल परियोजनाएं जो फाइनांसियली लाभदायक नहीं है पर राज्य में क्रिटिकल कनेक्टिवटी, कैपासिटी इनहांसमेंट और सामाजिक आर्थिक विकास के लिहाज से जरूरी है को ज्वाइंट वेंचर के डेब्ट इक्विटी कॉन्सेप्ट पर लिया जाएगा। ऐसी रेल परियोजनाओं के खर्च को लेकर राशि दूसरे श्रोतों-प्राइवेट/गवर्नेंट स्टेकहोल्डर्स और लोन के जरिए जुटाई जाएगी।

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JRIDCL की भूमिका

झारखंड की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य की ज्वाइंट वेंचर-जेआरआईडीसीएल (राज्य सरकार और रेल मंत्रालय) एंकर रोल निभाएगा। ऐसी रेल परियोजनाओं के लिए बनाए जाने वाले ज्वाइंट वेंचर में राज्य सरकार औऱ रेलवे मंत्रालय की हिस्सेदारी 51-49 के अनुपात में होगी। इन रेल परियोजनाओं का वित्त वहन डेब्ट इक्विटी के आधार पर होगा।

रिपोर्ट- शाहनवाज़

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