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बाइकर्स गैंग सावधान: मनचलों की अब ख़ैर नहीं, पकड़े जाने पर होगी जेल
झारखंड के डीजीपी एम.वी राव ने कहा कि बाइकर्स गैंग के बीच में अनहेल्दी कंपीटिशन होता है। इसमें हार-जीत दुश्मनी में बदल जाती है। बाद में यही दुश्मनी गर्ल फ्रेंड तक पहुंच जाती है और बालिका के साथ अनहोनी हो जाती है।
झारखंड: झारखंड पुलिस ने बाइकर्स गैंग को लेकर सख्त रुख़ अपना लिया है। राज्य के डीजीपी एम.वी राव ने कहा है कि, अभिभावक अपने बच्चों को संभालें नहीं तो मुश्किल का सामना करना पड़ेगा। किसी को भी दूसरों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है। क़ानून के प्रति सम्मान का भाव नहीं रखने वालों के साथ सख्ती के साथ निपटा जाएगा। डीजीपी ने कहा कि, बाइकर्स गैंग के ज्यादातर लड़के पैसे वाले घरों से ताल्लुक रखते हैं। लिहाज़ा, पैरेंट्स को चाहिए कि, वो अपने बच्चों का ख्याल रखें।
बाइकर्स गैंग और बालिका सुरक्षा
झारखंड के डीजीपी एम.वी राव ने कहा कि बाइकर्स गैंग के बीच में अनहेल्दी कंपीटिशन होता है। इसमें हार-जीत दुश्मनी में बदल जाती है। बाद में यही दुश्मनी गर्ल फ्रेंड तक पहुंच जाती है और बालिका के साथ अनहोनी हो जाती है। लिहाज़ा, बाइकर्स गैंग युवतियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता पैदा करता है। ऐसे में झारखंड पुलिस बाइकर्स गैंग पर कड़ाई के साथ नज़र रखेगी और बालिकाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करेगी।
ख़तरे में दूसरों की ज़िंदगी
शहरों में बाइकर्स गैंग तेज़ी के साथ पनप रहा है। पैसे और रसूखदार घरानों के लड़के मोटरसाईकिल पर करतब दिखाते और एक दूसरे के साथ प्रतियोगिता करते हैं। ऐसे में सड़क पर चलने वाले दूसरे राहगीर परेशान होते हैं। उनकी ज़िंदगी भी ख़तरे में पड़ती है। इतना ही नहीं बॉलीवुड फिल्मों की तरह तेज़ रफ्तार के साथ सड़कों पर ग़ुज़रना दूसरों को भी आकर्षित करता है। ऐसे में बाइकर्स गैंग की तादाद बढ़ती जाएगी और पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनेगा।
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मोटरसाईकिल को नया लुक देने का क्रेज
खासतौर पर शहरों में मोटरसाईकिल को नए लुक में ढालने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। शो रूम से बाइक खरीदने के बाद उसे गैराज ले जाया जाता है और वहां उस अपने मनमाफिक ढाला जाता है। बाइक की स्पीड बढ़ाना, उसके रंग-रूप में परिवर्तन करना और साइलेंसर की आवाज़ बढ़ाने समेत कई परिवर्तन किए जाते हैं। इस काम में 50 हज़ार रुपए से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक खर्च होते हैं। इससे साफ है कि, बाइकर्स गैंग में शामिल लड़के पैसे वाले घरों से संबंधित हैं।
गैराज संचालकों की राय
राजधानी रांची में गैराज चलाने वाले संचालकों की मानें तो बाइक को मोडिफाइ करने का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लड़के यूट्यूब देखकर आते हैं और मोटरसाईकिल स्पीड बढ़ाने से लेकर उसके लुक में परिवर्तन करने की मांग करते हैं। कई लड़के तो पूरे फॉर्मूला के साथ आते हैं और बाइक को अपने अनुसार ढालते हैं। दिनों दिन इसकी मांग बढ़ती जा रही है।
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बाइकर्स गैंग से उम्मीदें
झारखंड के डीजीपी एम.वी राव का खुद बाइकर्स गैंग को लेकर बयान देना पुलिस की गंभीरता को बताता है। ऐसे में बाइकर्स गैंग के लड़के अगर पुलिस के हत्थे चढ़ जाते हैं तो उन्हे भारी क़ानूनी पेचिदगियों का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं उनका करियर भी ख़राब होगा और अभिभावक परेशान होंगे। लिहाज़ा, बाइकर्स गैंग को क़ानून का सम्मान करते हुए खुद को ग़ैर क़ानूनी कार्यों से अलग करना चाहिए।
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इन निर्देशों को पढ़ना है जरूरी
-रात में बाईकर्स गैंग का धमाका, जनजीवन प्रभावित होता है।
-बाईकर्स गैंग के लड़के पैसे वालों के घरों से हैं।
-अभिभावक अपने बच्चों को संभाल लें।
-सख्ती के साथ पेश आएगी पुलिस।
-साइलेंसर निकालने वालों पर भी शिकंजा कसेगा।
-दूसरे लोगों की जान को खतरे में डालना।
-गैंग के बीच प्रतियोगिता होता है।
-हारने के बाद लड़कियों के साथ छेढ़छाड़ होता है।
-कानून के प्रति सम्मान नहीं है।
-हर हाल में जेल भेजेंग।
-गाड़ी सीज होगी।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।
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