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Jharkhand: हजारों यात्रियों की बची जान, टूटी पटरी पर आ रही थी ट्रेन, ट्रैक मेंटेनर की सूझबूझ से टला हादसा
Jharkhand News: रेल कर्मचारी के सूझबूझ से हजारों यात्रियों की जान बच गई, जो अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार थे।
Jharkhand News: बालासोर की तरह झारखंड में एक बड़ा रेल हादसा होते-होते टल गया। चक्रधरपुर रेल मंडल के टुनिया रेलवे स्टेशन के पास टूटी हुई रेल पटरी पर यात्रियों से भरी एक ट्रेन आ रही थी। जिसे समय रहते हुए ट्रैक मेंटेनर ने देख लिया और ट्रेन को लाल झंडी दिखाकर रोक लिया। रेल कर्मचारी के सूझबूझ से हजारों यात्रियों की जान बच गई, जो अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन में सवार थे।
दरअसल, ठंड के मौसम में अक्सर पटरियों में फ्रैक्चर और दरार पड़ने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। रेलवे इस दौरन लगातार पटरियों की पेट्रोलिंग करवाते रहता है। ताकि किसी बड़े हादसे को होने से पहले टाला जा सके। घटना वाले दिन भी ट्रैक मेंटेनर द्वारा पटरियों की पेट्रोलिंग की जा रही थी। तभी उनकी नजर टुनिया स्टेशन के पास पटरी के दरार पर पड़ी।
नजदीक जाकर देखा तो पाया कि पटरी क्रेक होकर अलग हो चुकी थी। उसी क्षतिग्रस्त ट्रैक पर अहमदाबाद हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन आ रही थी। ट्रैक मेंटेनर ने फौरन लाल झंडी दिखाकर ट्रेन को रोक लिया। उनके इस सूझबूझ से ट्रेन में सवार हजारों यात्रियों की जान बच गई। ट्रेन कुछ समय तक टुनिया रेलवे स्टेशन पर ही रूकी रही। बाद में उसे धीरे-धीरे वहां से पार कराया गया।
बालासोर हादसे को नहीं भूले लोग
इस साल जून के शुरूआत में ओडिसा के बालासोर जिले में भीषण रेल दुर्घटना हुई थी। बालासोर में बहानगा रेलवे स्टेशन पर 2 जून को ट्रिपल हादसा हुआ था। यहां चेन्नई से हावड़ा जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। इसके बाद कोरोमंडल के कई डिब्बे पटरी से उतर गए थे। ये डिब्बे पास की पटरी से गुजर रही यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए थे। इस हादसे में 292 से अधिक लोगों की जान गई थी और तकरीबन 1200 जख्मी हुए थे। हादसे की सीबीआई जांच जारी है। कुछ रेल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है।