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मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत इंडिया का पहला फैसला, दबंग पूर्व मंत्री हरिनारायण को 7 साल की जेल
मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED(इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने मधु कोड़ा सरकार के वक्त मंत्री रहे हरिनारायण राय को सात साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है।साथ ही उनपर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।हरिनारायण पर आरोप था की उन्होंने अवैध तरीके से 3.72 करोड़ अपने रिश्तेदार के नाम पर इन्वेस्ट किया था।
रांची: मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED(इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट) ने मधु कोड़ा सरकार के वक्त मंत्री रहे हरिनारायण राय को सात साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है।साथ ही उनपर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।हरिनारायण पर आरोप था की उन्होंने अवैध तरीके से 3.72 करोड़ अपने रिश्तेदार के नाम पर इन्वेस्ट किया था।
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काले धन को वैध बनाना (मनी लॉन्डरिंग)
अवैध रूप से प्राप्त धन के स्रोतों को छिपाने की कला है। यह एक ऐसा प्रोसेस है जिसमे आपराधिक आय को वैध बनाकर दिखाया जाता है। इसमें शामिल धन को नशीली दवाओं की सौदेबाजी, भ्रष्टाचार, लेखांकन और अन्य प्रकार की धोखाधड़ी और कर चोरी सहित अनेक प्रकार की आपराधिक गतिविधियों के जरिए प्राप्त किया जा सकता है।
हम आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत किसी को पहली बार सजा सुनाई गई है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 में बनाया गया था।
आगे की स्लाइड में जाने क्या आरोप हैं हरिनारायण पर...
- हरिनारायण राय पर आरोप था कि वर्ष 2005 से 2008 के बीच उन्होंने अवैध तरीके से 4 करोड़ 33 लाख 77 हजार रुपए की प्रॉपट्री बनाई।
-इसके लिए रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर इन्वेस्टमेंट किया।
- हरिनारायण के खिलाफ सितंबर 2009 में ईडी ने मामला दर्ज किया था।
- इस मामले में ईडी ने पहली बार 11 दिसंबर 2009 को कोर्ट में चार्जशीट दायर की थी ।
- इसके बाद 9 मार्च 2011 और 25 मई 2016 को भी अलग-अलग चार्जशीट दायर की गईंं।
-जांच के दौरान ही राय की लगभग 2.53 करोड़ की प्रॉपट्री जब्त की गई।
-इनमें वर्ष 2010 में 66 लाख और 6 अगस्त 2015 को 1.87 करोड़ की प्रॉपट्री शामिल है।
तीन साल रह चुके जेल में
-अपनी आय से अधिक संपत्ति के मामले में पिछले साल 14 दिसंबर को राय को पांच साल की सजा हुई थी।
- मगर इस बार उन्हें सात साल की सजा हुई।
-इसमें से वे करीब तीन साल जेल में रह चुके हैं। अब चार साल और जेल में रहना पड़ सकता है।
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मछली पालते थे हरिनारायण
- हरिनारायण राय जरमुंडी विधानसभा से एमएलए थे।
- विधायक बनने से पहले वे मछली पालने का काम करते थे।