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Dushyant Chautala: पिछले चुनाव के हीरो इस बार हो सकते हैं जीरो, धरा रह जाएगा किंगमेकर बनने का सपना
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला को इस बार करारा झटका लग सकता है।
Haryana Assembly Elections 2024: हरियाणा के विधानसभा चुनाव में वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल में कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है। अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक 10 साल बाद राज्य की सत्ता में कांग्रेस की वापसी हो सकती है। पूरी ताकत के लगाने के बावजूद भाजपा कांग्रेस से पिछड़ती हुई दिख रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे के संबंध में लगाए गए पूर्वानुमान के मुताबिक जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता दुष्यंत चौटाला को इस बार करारा झटका लग सकता है।
कई पूर्वानुमानों में उनका सूपड़ा साफ होने के संकेत मिले हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में दुष्यंत चौटाला किंगमेकर साबित हुए थे मगर इस बार वे जीरो साबित होते दिख रहे हैं। अब राज्य में हर किसी को 8 अक्टूबर को आने वाले फाइनल नतीजे का इंतजार है।
एग्जिट पोल में सूपड़ा साफ होने के संकेत
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने इस बार सांसद चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी से गठबंधन किया था। मतदान से पहले दुष्यंत चौटाला ने राज्य के विभिन्न हिस्सों का धुआंधार दौरा किया था और चुनाव नतीजे को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे। हालांकि अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक उनके दावे सही साबित होते नहीं दिख रहे हैं। अधिकांश एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार ऐसी स्थिति बन सकती है जिसमें दुष्यंत चौटाला का खाता नहीं खुलेगा। कुछ ही एग्जिट पोल में दुष्यंत चौटाला को एकाध सीट मिलने की संभावना जताई गई है। दुष्यंत चौटाला इस बार खुद भी उचाना कलां में कड़ा मुकाबले में फंसे हुए हैं। राजनीतिक पंडित खुद दुष्यंत चौटाला की जीत के प्रति आश्वस्त नहीं दिख रहे हैं।
पिछले चुनाव में किंगमेकर बने थे दुष्यंत
यदि एग्जिट पोल में लगाए गए पूर्वानुमान चुनाव नतीजे में सही साबित हुए तो यह दुष्यंत चौटाला के लिए किसी बड़े झटके से काम नहीं होगा। 2019 के विधानसभा चुनाव में उनकी अगुवाई में जननायक जनता पार्टी ने राज्य की 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने राज्य के सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और 40 सीटों पर जीत हासिल की थी।
ऐसी स्थिति में जेजेपी किंगमेकर की भूमिका में आ गई थी। जेजेपी के समर्थन से भाजपा ने राज्य में सरकार बनाई थी और दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम पद का तोहफा मिला था। पांच साल तक डिप्टी सीएम पद की मलाई खाने के बाद जेजेपी और भाजपा का गठबंधन टूट गया था। इस बार जेजेपी अपने दम पर ताकत दिखाने के लिए चुनाव मैदान में उतरी है मगर पूर्वानुमान के मुताबिक पार्टी को बड़ा झटका लगता दिख रहा है।
इस बार अपनी सीट भी बचाना हो रहा मुश्किल
इस बार के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला खुद उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र में कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं। 2019 के विधानसभा चुनाव में दुष्यंत चौटाला ने करीब साढ़े 47 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह की पत्नी और भाजपा उम्मीदवार प्रेमलता को हराकर यह जीत हासिल की थी। इस बार बीरेंद्र सिंह के बेटे और पूर्व भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं।
अपनी मां की हार का बदला लेने के लिए बृजेंद्र सिंह ने पूरी ताकत लगाई है। उनके अलावा भाजपा के देवेंद्र अत्री, आम आदमी पार्टी के पवन फौजी और इनेलो-बसपा गठबंधन के विनोद पाल सिंह भी चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। हालांकि मुख्य मुकाबला दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह के बीच ही माना जा रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में जाट मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है मगर दुष्यंत चौटाला और बृजेंद्र सिंह दोनों का ताल्लुक जाट बिरादरी से ही है। प्रदेश की इस हॉट सीट के नतीजे का भी लोगों को बेसब्री से इंतजार है।