कश्मीर घाटी में अब FACEBOOK समेत ये 22 सोशल साइट्स हुई बैन

कश्मीर घाटी में पथराव और हिंसक प्रदर्शनों के चलते मोबाइल इंटरनेट सर्विस पहले से ही बंद है। फेसबुक, ट्विटर समाते 22 सोशल साइट्स को बैन कर दिया गया है।

sujeetkumar
Published on: 27 April 2017 6:55 AM GMT
कश्मीर घाटी में अब FACEBOOK समेत ये 22 सोशल साइट्स हुई बैन
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श्रीनगर: कश्मीर घाटी में पथराव और हिंसक प्रदर्शनों के चलते मोबाइल इंटरनेट सर्विस पहले से ही बंद है। वहीं अब फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सएप समेत 22 सोशल साइट्स को बैन कर दिया गया है। महबूबा सरकार के मुताबिक पाकिस्तानी एजेंसियां इनका इस्तेमाल कश्मीर में उपद्रव फैलाने के लिए करती थी। जिसका इनपुट भारत की खुफिया एजेंसियों ने भी दिया।

बुधवार को जम्मू-कश्मीर सरकार ने सभी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को जारी ऑर्डर में कहा कि एक महीने या अगले ऑर्डर तक कश्मीर घाटी में साइट्स को बंद रखा जाएगा। बंद हुई साइट्स में फेसबुक, ट्विटर, वॉट्सएप, वी चैट, स्काइप, वाइबर, स्नैपचेट, यूट्यूब, फ्लिकर भी शामिल हैं।

300 वाट्सऐप ग्रुप्स का खुलासा

-इंटरनेट को 17 अप्रैल को बंद किया गया था। जिसे सरकार ने एक माह और बंद रखने का ऑर्डर दिया है।

-कश्मीर में इंटरनेट के जरिए पथराव और प्रदर्शनों को अंजाम दिया जा रहा है।

-पिछले दिनों घाटी में पत्थरबाजों के 300 वाट्सऐप ग्रुप्स का खुलासा हुआ था।

-जिनसे पत्थरबाजों को जमा किया जाता था और सीमा पार से हिदायतें मिलती हैं।

-जिसमें 90 प्रतिशत वाट्सऐप ग्रुप बंद कर दिए गए थे।

ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने की कोशिश

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सोमवार (24 अप्रैल) को बताया कि 300 व्हाट्सएप ग्रुप में 250 सदस्य होते थे, जिससे पत्थरबाजों को सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जानकारी मिलती थी। इसी से वह मुठभेड़ स्थल पर इकट्ठा होते थे। जो सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने की कोशिश करते थे। अधिकारी के मुताबिक इनमें से अब 90 फीसदी व्हाट्सएप ग्रुप बंद हो चुके हैं।

राजनाथ की स्पेशल मीटिंग

-गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को जम्मू कश्मीर के हालात पर बैठक बुलाई थी।

-खुफिया एजेंसियों से मिले इनपुट में कहा गया था कि पाकिस्तानी एजेंसियां कश्मीर में प्रदर्शन और हिंसा के जरिए हालात बिगाड़ने की और ज्यादा कोशिशें करने जा रही हैं।

-रिपोर्ट के मुताबिक, कश्मीर के लोगों को पत्थरबाजी और ऑनलाइन विद्रोह फैलाने के लिए उकसाया जा सकता है।

-ये मीटिंग पाकिस्तानी प्रोपगेंडा को रोकने के लिए स्ट्रैटेजी बनाने के लिए बुलाई गई थी।

पाक के ये लोग आतंकी नहीं

-पाक रेंजर्स ने भारतीय सेना को बताया कि नियंत्रण रेखा (एलओसी) के नजदीक जो लोग आ या जा रहे हैं, वो आतंकी नहीं बल्कि जनगणना करने वाले कर्मचारी हैं।

-पाक में दूसरे फेज की जनगणना एक माह तक चलेगी।

-इस दौरान कश्मीर सीमा से लगी एलओसी के आसपास के लोगों की भी गिनती होगी।

-पाक सेना ने यह सूचना इसलिए दी है, ताकि उनके कर्मचारियों की सिक्युरिटी का ध्यान रखा जा सके।

-पाकिस्तान में पहले फेज की जनगणना 15 मार्च से शुरू होकर 15 अप्रैल को खत्म हुई थी।

-1.18 लाख सिविल कर्मचारी और 1.75 लाख सैनिक इस जनगणना में लगाए गए।

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