JNU की पूर्व छात्रा निर्मला सीतारमण को मिला रक्षा मंत्रालय, जानें कुछ अनछुए पहलू

मोदी कैबिनेट का विस्तार रविवार (3 सितंबर) को हुआ और कुल 13 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ गया है। ये सभी अब कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है।

priyankajoshi
Published on: 3 Sep 2017 12:03 PM GMT
JNU की पूर्व छात्रा निर्मला सीतारमण को मिला रक्षा मंत्रालय, जानें कुछ अनछुए पहलू
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नई दिल्ली : मोदी कैबिनेट का विस्तार रविवार (3 सितंबर) को हुआ और कुल 13 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान का कद बढ़ गया है। ये सभी अब कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। निर्मला सीतारमण को रक्षा मंत्रालय सौंपा गया है।

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कौन हैं निर्मला सीतारमण?

निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडू के मदुरै में नारायण सीतारमण के घर हुआ था। उन्होंने सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से बीए किया। सीतारमन ने 1980 में जेएनयू में दाखिला लिया था और वहां से पीएचडी की। यहीं उनकी मुलाकात परकला प्रभाकर से हुई थी। जिनसे बाद में उन्होंने शादी की। शादी के बाद दोनों कुछ समय के लिए लंदन चले गए।

प्रभाकर लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पीएचडी कर रहे थे, जबकि सीतारमन ने खाली हाथ बैठने के बजाए कुछ काम करने का निर्णय किया। उन्होंने लंदन की ऑक्सफॉर्ड स्ट्रीट में हैबिटेट होम डेकोर पर सेल्स गर्ल की नौकरी की। यह निर्मला की पहली जॉब थी। इसके बाद सीतारमन और उनके पति अप्रैल 1991 आंध्रप्रदेश लौट आए।

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2006 में बीजेपी में शामिल

बाद में निर्मला ने प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स में सीनियर मैनेजर के तौर पर काम किया इसके बाद उन्होंने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी काम किया। वह हैदराबाद स्थित प्रणव स्कूल के फाउंडिग डायरेक्टर्स में शामिल हैं। इतना ही नहीं वो नेशनल कमिशन फॉर वुमन की सदस्य भी रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2006 में बीजेपी में शामिल हुईं। लेकिन साल 2014 में वो नरेंद्र मोदी के मंत्रालय का हिस्सा बनीं। इससे पहले वो बीजेपी के 6 प्रवक्ताओं में से एक थीं, जिनमें रविशंकर प्रसाद भी शामिल थे।

2014 में चर्चा में रहीं

फरवरी 2014 में वे एक अजीब कारण से चर्चा में रहीं। तब तेलंगाना का मुद्दा चरम पर था। निर्मला ने सीमांध्रा पर सुषमा स्वराज के रुख को लेकर एक ट्वीट किया। इस पर भड़कीं सुषमा ने जवाबी ट्वीट में लिख दिया- निर्मला सीतारमन जैसे प्रवक्ता हों तो दुश्मनों की जरूरत नहीं। हालांकि तुरंत ही ये ट्वीट डिलीट कर दिए गए, लेकिन विरोधियों को तो मौका मिल ही गया था।

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बीजेपी में मिली लोकप्रियता

निर्मला सीतारमण के पति डॉक्टर पराकाला प्रभाकर (Parakala Prabhakar) 2000 के शुरुआती दशक में बीजेपी की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रवक्ता थे। इस दौरान निर्मला सीतारमण भी धीरे-धीरे बीजेपी में लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद नितिन गडकरी के बीजेपी अध्यक्ष रहने के दौरान साल 2010 में उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता चुना गया।

पार्टी में रही अहम भूमिका

उसके बाद से बीजेपी के प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला सीतारमण अक्सर टीवी चैनलों पर नजर आने लगीं और वो दिल्ली से ज्यादा गुजरात में मशहूर हो गईं। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनावों के दौरान प्रवक्ताओं के रूप में निर्मला का काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके बाद चुनावों से पहले ही यह तक माना जाने लगा था कि अगर एनडीए की सरकार बनती है तो निर्मला मोदी कैबिनेट का हिस्सा जरूर होंगी। इन चुनावों में बीजेपी ने बड़ी जीत हासिल की।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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