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कश्मीर पर जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने दिया बड़ा बयान, कहा-

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के एक महीने बाद प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे हैं। जेएनयूएसयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि कश्मीर को अलग करते हुए हम आंदोलन नहीं जीत सकते। आइशी घोष ने कहा

suman
Published on: 15 Jan 2020 9:43 PM IST
कश्मीर पर जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष ने दिया बड़ा बयान, कहा-
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JNU हिंसा: आईशी घोष से लगातार 40 मिनट तक हुआ सवाल-जवाब

नई दिल्ली : जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के एक महीने बाद प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे हैं। जेएनयूएसयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि कश्मीर को अलग करते हुए हम आंदोलन नहीं जीत सकते। आइशी घोष ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है उसमें हम कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते। कश्मीर से ही संविधान में छेड़छाड़ शुरू हुई है।

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आइशी घोष ने ये सब जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 हटाने की ओर था। कश्मीर के लिए बने इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा का लाभ मिलता था, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे को भी खत्म कर दिया था और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर विभाजित भी कर दिया है।

केंद्र सरकार ने इस फैसले से पहले कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी, साथ ही घाटी में कुछ पाबंदियां भी लगाई थीं। जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट, मोबाइल फोन, लगाई गई थी जिसके बाद अब हालात सामान्य होने की वजह से इन सेवाओं को बहाल किया जा रहा है।

जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष 5 जनवरी को कैंपस में नकाबपोशों के हमले के बाद से ही चर्चा में हैं. इस दिन कैंपस में नकाबपोश छात्र घुस आए थे और छात्रों को निशाना बनाया था। इसमें आइशी घोष भी घायल हो गई थीं।बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा हुई थी। जिसके बाद पुलिस कैंपस के अंदर घुसी थी और प्रदर्शनकारियों की पिटाई की थी। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इस हिंसा में डीटीसी की चार बसें, 100 निजी वाहन और पुलिस की 10 मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कहा कि उसने प्रदर्शनकारियों द्वारा ''उकसाए जाने के बावजूद ''अधिकतम संयम, न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया।

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उन्होंने एनसीडब्ल्यू को बताया है कि पूरे मामले में उन्हें गलत तरीके से घसीटा गया और उस चैनल ने इस कथित मामले में उनकी पुष्टि या स्पष्टीकरण लेने के लिए उनसे कभी संपर्क नहीं किया। पुलिस ने अबतक नौ आरोपियों को नोटिस भेजकर उन्हें जेएनयू हिंसा मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। नौ संदिग्धों में से सात संदिग्ध वाम संगठनों से हैं।7 में से तीन आरोपी- जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, भास्कर विजय और पंकज सोमवार को जांच में दोनों भी मंगलवार को जांच में शामिल हो जाएंगे। पुलिस ने हिंसा में शामिल 37 और लोगों को भी नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। हिंसा में 20 लोग घायल हो गए थे।



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