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Agneepath Recruitment Scheme: वापस नहीं होगी अग्निपथ भर्ती योजना, सैन्य बलों की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में एलान

Agneepath Recruitment Scheme: लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत युवावस्था और अनुभव का एक आदर्श मिश्रण बनेगा जो जीवन में आगे बेहतर मददगार साबित होगा।

Rajat Verma
Published on: 19 Jun 2022 3:40 PM IST (Updated on: 19 Jun 2022 4:05 PM IST)
Joint Press Conference of Armed Forces on Agneepath Recruitment Scheme
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अग्निपथ भर्ती योजना पर संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी: Photo - Social Media

Agneepath Recruitment Scheme: भारत में अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) के ऐलान के बाद से लगातार जारी बवाल और हिंसक विरोध प्रदर्शन (violent protests) के मद्देनज़र तीनों सैन्य बलों ने संयुक्त रूप से एक प्रेस कांफ्रेंस (Press Conference) के आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता सैन्य मामलों के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी (Lt Gen Anil Puri) ने की।

इस प्रेस कांफ्रेंस से ठीक पहले तीनों सेना प्रमुखों ने अग्निपथ योजना के क्रियान्वयन सहित वर्तमान विरोध के हालात और अन्य मुद्दों पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) के साथ उनके आवास पर चर्चा की थी। आपको बता दें कि बीते दिन शनिवार को भी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समान बैठक का आयोजन किया था।

भविष्य में होगा तकनीकी का महत्व

इस दौरान प्रेस कांफ्रेंस में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना के तहत युवावस्था और अनुभव का एक आदर्श मिश्रण बनेगा जो जीवन में आगे बेहतर मददगार साबित होगा। साथ ही आगे उन्होनें कहा कि अग्निवीर के रूप में भर्ती होने वाले युवा तकनीकी की बेहतर समझ रखते हैं और आने वाले समय में सभी युद्ध तकनीकी के आधार पर ही लड़े जाएंगे, जिसके लिए हमें अलग तरह के सैनिकों की आवश्यकता पड़ेगी जो जरूरत पड़ने पर नई तकनीकी को ज़ल्द से ज़ल्द अपनाना जानते हों।

सेना की नौकरी एक भाव है जिसके पैसे से नहीं मापा जा सकता- लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने तीनों सैन्य बलों की साझा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सेना की नौकरी देश सेवा (army job country service) का भाव है, जिसको कितनी भी रकम या वेतन से नहीं मापा जा सकता। साथ ही आगे उन्होनें अग्निपथ योजना का समर्थन करते हुए कहा की अब बगैर किसी तकलीफ के बदलाव का समय है।

अन्य सैनिकों के समान मिलेगा अग्निवीरों को भत्ता

तीनों सैन्य बलों की साझा प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इस बात का ऐलान किया गया है कि तीनों सैन्य बलों में अन्य सैनिकों को मिलने वाले भत्ते के समान ही अग्निवीरों को भी भत्ता निर्धारण किया जाएगा और इसमें बाबत उनसे किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा। इसी के साथ यदि विपरीत परिस्थितियों में कोई अग्निवीर शहादत को प्राप्त होता है तो उसके परिवार को बीमा की रकम के तौर ओर 1 करोड़ रुपए प्रदान किए जाएंगे।

सेना में सैनिकों की क्षमता को बढ़ाना प्रमुख लक्ष्य

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अग्निवीरों की भर्ती के बदौलत उनका लक्ष्य अगले 4-5 वर्षों में हमारी सेना में ववर्तमान में मौजूद 50000 से 60000 जवानों की संख्या को बढ़ाकर 90000 से 1 लाख तक पहुँचाना है। साथ ही उन्होनें कहा कि हमने प्रथम दृश्या 46000 अग्निवीरों की भर्ती के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने की शुरुआत कर दी गई है।

आपको बात दें कि इस प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से इस बात की आधिकारिक रूप से पुष्टि हो गई है कि आगामी 24 जून से अग्निपथ योजना के तहत आवेदन की शुरुआत के बाद प्रवेश परीक्षा आयोजित कर दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में अग्निवीर के पहले बैच का प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा।

नौसेना में होगी महिला अग्निवीरों की नियुक्ति

नौसेना वाईस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान बताया कि नौसेना में अग्निवीरों के रूप में महिलाओं की भी नियुक्ति की जाएगी। नियुक्ति के बाद अग्निवीर के रूप में महिला और पुरुष दोनों के पहले बैच को ओडिशा स्थित प्रशिक्षण शिविर आईएनएस चिल्का पहुंचाया जाएगा। नौसेना में तैनाती प्राप्त करने वाले महिला अग्निवीरों को युद्धपोतों पर भी तजनत किया जाएगा।

हिंसक प्रदर्शन की कड़े शब्दों में निंदा, नहीं रद्द होगी योजना

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने अग्निपथ योजना के विरोध में जारी हिंसक प्रदर्शन की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए योजना को पूरी तरह लागू करने की बात कही है। साथ ही उन्होनें कहा है कि किसी भी हालात में अग्निपथ योजना को रद्द नहीं किया जाएगा तथा इसका क्रियान्वयन कर हाल में होगा।

आपको बता दें कि दिसंबर 25000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी तथा साथ ही आगे 2023 के फरवरी-मार्च महीने तो अन्य अग्निवीर नियुक्त किए जाएंगे।



Shashi kant gautam

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