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Joshimath Sinking: प्रभावित लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज की तैयारी, मुआवजे के लिए बन सकती है अलग नीति
Joshimath Crisis: प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के लिए सरकार की ओर से अलग नीति बनाई जा सकती है। इसके लिए शुक्रवार को प्रदेश कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई गई है।
Joshimath Crisis: उत्तराखंड के जोशीमठ में भूस्खलन एवं भू-धंसाव वाले क्षेत्रों के प्रभावित लोग बाजार दर पर मुआवजा दिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार जोशीमठ के प्रभावित लोगों को विशेष राहत पैकेज देने की तैयारी में जुट गई है। प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के लिए सरकार की ओर से अलग नीति बनाई जा सकती है। इसके लिए शुक्रवार को प्रदेश कैबिनेट की विशेष बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान विशेष पुनर्वास नीति पर मुहर लग सकती है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ के प्रभावित लोगों को बाजार दर पर मुआवजा दिए जाने की घोषणा की है। धामी बुधवार की रात जोशीमठ में ही डेरा डाले रहे और इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि प्रभावित परिवारों के लिए सरकार की ओर से बेहतर पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी जो देश के लिए नजीर बनेगी।
पुनर्वास और मुआवजे की विशेष नीति बनेगी
जोशीमठ में मकानों में दरार पड़ने के कारण लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की ओर से प्रभावित लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करने का काम किया जा रहा है मगर लोग बाजार दर पर मुआवजा देने की मांग पर अड़े हुए हैं। इसीलिए प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए विशेष नीति की जरूरत महसूस की गई है। इससे पूर्व में भी सरकार जमरानी बांध परियोजना समेत कई अन्य मामलों में विशेष नीति बनाकर प्रभावित लोगों की मदद कर चुकी है। जोशीमठ के मामले में भी ऐसा ही कदम उठाने की तैयारी है।
बाजार दर पर मिलेगा मुआवजा
जानकारों का कहना है कि अभी सरकार की ओर से दी जा रही मदद की राशि से प्रभावित परिवारों के लिए नए मकान बनाना संभव नहीं है। ऐसे में मुख्यमंत्री धामी ने लोगों से मुलाकात करके उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि जोशीमठ में सभी प्रभावित लोगों की राय और सुझाव लेकर बाजार दर पर मुआवजा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि तात्कालिक तौर पर प्रति परिवार डेढ़ लाख रुपए की मदद दी जा रही है। इसके लिए करीब 3000 प्रभावित परिवारों के लिए 45 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की जा चुकी है। धामी कैबिनेट की कल विशेष बैठक बुलाई गई है और माना जा रहा है कि इस बैठक के दौरान लोगों के पुनर्वास और मुआवजे के लिए विशेष नीति पर फैसला लिया जाएगा।
सीबीआरआई करेगा विस्तृत अध्ययन
इस बीच केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के निदेशक आर प्रदीप कुमार ने कहा कि संस्थान की ओर से 4000 घरों के सुरक्षा मूल्यांकन के लिए विस्तृत अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन के दौरान मकानों के संरचना, मौजूदा स्थिति और दरारों के संबंध में गहराई से समझने की कोशिश की जाएगी।
चिन्हित मकानों में दरारों की निगरानी के लिए विभिन्न स्थानों पर क्रैक मीटर लगाए जाएंगे। इन मीटरों की मदद से दरारों की चौड़ाई मापी जाएगी और उसी आधार पर मकान से जुड़े जोखिम को विभिन्न श्रेणियों में बांटा जाएगा। यह कवायद एक सप्ताह में पूरी होने की उम्मीद है।