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One Nation, One Election: 'एक देश, एक चुनाव' बिल पर जेपी नड्डा ने बता दिया बड़ा राज, इस वजह से लाना पड़ा विधेयक
One Nation, One Election: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को लेकर बड़ा खुलासा किया। राज्यसभा में नड्डा ने बोलते हुये साफ तौर पर बताया कि यह विधेयक देश में अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है।
One Nation, One Election: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 'एक देश, एक चुनाव' विधेयक को लेकर बड़ा खुलासा किया। राज्यसभा में नड्डा ने बोलते हुये साफ तौर पर बताया कि यह विधेयक देश में अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग को रोकने के लिए लाया गया है। अनुच्छेद 356, जो राष्ट्रपति शासन से जुड़ा है, का कई बार गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ है। नड्डा ने राज्यसभा में संविधान पर हो रही बहस के दौरान कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने बार-बार इस अनुच्छेद का दुरुपयोग किया, और इसलिए सरकार ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' विधेयक लाने का निर्णय लिया।
नड्डा ने कांग्रेस पर संविधान की भावना को बदलने और उसे अपनी सुविधा के लिये लिखने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा कि अगर आज 'एक देश, एक चुनाव' का मुद्दा सामने आया है, तो इसकी जिम्मेदारी कांग्रेस पर है। 1952 से 1967 तक देश में एक साथ चुनाव होते थे, लेकिन कांग्रेस ने अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल करके राज्यों की चुनी हुई सरकारों को बार-बार गिराया, जिससे अलग-अलग राज्यों में चुनावों की स्थिति पैदा हो गई।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस के शासनकाल में अनुच्छेद 356 के दुरुपयोग के आंकड़े भी साझा किए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने इस अनुच्छेद का 90 बार इस्तेमाल किया, और इनमें से 50 बार तो इंदिरा गांधी ने किया। इसके अलावा, जवाहरलाल नेहरू ने आठ बार, राजीव गांधी ने नौ बार और मनमोहन सिंह ने 10 बार इस अनुच्छेद का दुरुपयोग किया।
लोकसभा में स्वीकार हुआ बिल
लोकसभा में 'एक देश, एक चुनाव बिल' ध्वनि मत से स्वीकार। बिल के पक्ष में 269 तो विपक्ष में 198 वोट पड़े। बिल को स्वीकार करने के लिये दोबारा हुई थी वोटिंग।
कांग्रेस ने की थी बिल जेपीसी में भेजने की मांग
कांगेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में एक देश, एक चुनाव बिल का विरोध करते हुये बिल को जेपीसी में भेजने की मांग की थी। गोगोई ने कहा, बिल चुनाव आयोग और राष्ट्रपति को बहुत ज्यादा ताकत देगा। निवार्चित सदस्यों के कार्यकाल से छेड़ाछाड़ नहीं का जा सकती। आप पूरे भारत के चुनाव को छीनेंगे तो हम ये नहीं होने देंगे। हम इसका विरोध करते हैं। इस बिल को जेपीसी में भेजा जाए।