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Judge's Pet Dog: न्यायाधीश का पालतू कुत्ता, सुरक्षा में चूक और सुरक्षा गार्डों पर कार्रवाई की मांग
Judge's Pet Dog: दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गौरांग कंठ का एक पत्र सोशल मीडिया पर खूब घूम रहा है जिसमें उन्होंने उन सुरक्षा अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है।
Judge's Pet Dog: दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश गौरांग कंठ का एक पत्र सोशल मीडिया पर खूब घूम रहा है जिसमें उन्होंने उन सुरक्षा अधिकारियों को सस्पेंड करने की मांग की है जो उनके आवास के दरवाजे को बंद रखने में विफल रहे, जिसके परिणामस्वरूप उनके पालतू कुत्ते की जान चली गई।
न्यायमूर्ति गौरांग कंठ ने 21 जुलाई को ही कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उनका 12 जून का एक लेटर इन्टरनेट पर तमाम साइटों पर चल रहा है। यह पत्र जस्टिस गौरांग कंठ ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (सुरक्षा) मंगेश कश्यप को लिखा है जिसमें उन्होंने उपरोक्त मुद्दे के संबंध में जांच की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि सुरक्षा में चूक से उनके और उनके परिवार के जीवन के लिए गंभीर खतरा हो सकता था।
क्या लिखा है पत्र में
न्यायमूर्ति कंठ ने पत्र में लिखा है कि - "मेरे आधिकारिक बंगले पर सुरक्षा प्रदान करने वाले अधिकारियों की लगन की कमी और अक्षमता के कारण, मैंने अपना पालतू कुत्ता खो दिया है। दरवाजा बंद रखने के लिए बार बार कहने के बावजूद मेरे आवास पर तैनात सुरक्षा अधिकारी मेरे निर्देशों का पालन करने और अपने पेशेवर कर्तव्य को पूरा करने में विफल रहे हैं। कर्तव्य के प्रति इस तरह की लापरवाही और अक्षमता पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि इससे मेरे जीवन और स्वतंत्रता को गंभीर खतरा हो सकता है।
इस मुद्दे पर नाराजगी व्यक्त करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि उक्त सुरक्षा कर्मियों द्वारा अपने कर्तव्यों का पालन करने में इस तरह की लापरवाही से उनके आवास पर कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है और उन्हें अपनी सुरक्षा को लेकर डर है। उन्होंने लिखा है कि द्वार पर पहरा न देना और मेरे निवास के द्वार से आने-जाने वालों पर नज़र रखने में समर्पण की कमी असहनीय है। अपने पत्र में उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर की गई कार्रवाई रिपोर्ट पत्र की तारीख से तीन कार्य दिवसों के भीतर प्रस्तुत की जानी चाहिए।
केंद्र ने 15 जुलाई को कलकत्ता उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति कंठ की नियुक्ति को अधिसूचित किया था। उसी दिन दिल्ली उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति कंठ को कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर चिंता व्यक्त करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था। बार एसोसिएशन ने तर्क दिया था कि दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या में कमी के कारण न्याय वितरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।